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डीजल, बीज के दाम बढऩ़े से बोवनी में प्रति हेक्टेयर 1800 रुपए का खर्च बढ़ा

locationविदिशाPublished: Jun 25, 2020 12:25:20 am

Submitted by:

Krishna singh

किसानों की मजबूरी में हो रही खेती

Farmers facing problems due to increase in prices of diesel and seeds

Farmers facing problems due to increase in prices of diesel and seeds

विदिशा. अच्छी बारिश होने से जिले में सोयाबीन की बोवनी का कार्य तेजी से हो रहा रहा, लेकिन गत वर्ष की अपेक्षा इस बार डीजल, बीज एवं मजदूरी के दाम बढ़ जाने से किसानों को बोवनी के कार्य में प्रति हेक्टेयर में 1800 रुपए का अतिरिक्त भार बढ़ गया है। किसानों का कहना है कि बोवनी के एनवक्त पर सरकार लगातार डीजल के दाम बढ़ा रही वहीं कोरोना महामारी के चलते मजदूरों ने अपनी दर बढ़ा दी है। ऐसे में अतिरिक्त राशि का यह भार उठाना किसानों की मजबूरी बन गया है।
ग्राम सौजना के किसान प्रहलाद रघुवंशी के मुताबिक गत वर्ष सोयाबीन की बोवनी में 10 हजार 405 रुपए प्रति हेक्टेयर खर्च आया था जो इस बार 12 हजार 210 रुपए प्रति हेक्टेयर की राशि खर्च करना पड़ी है। रघुवंशी का कहना है कि अकेले डीजल का ही खर्च देखें जहां इसके दाम बढऩे से उन्हें अपनी सौ बीघा की बोवनी में गत वर्ष की अपेक्षा 15 हजार रुपए अतिरिक्त खर्च करना पड़ा। हर किसान पर डीजल की मूल्य वृद्धि की मार पड़ी है। वहीं बीज में भी गत वर्ष की अपेक्षा प्रति क्विंटल पर 1 हजार की राशि बढ़ी है और मजदूरी भी पहले की अपेक्षा अधिक देना पड़ रही है।
इसी तरह ग्राम लोदाखेड़ी के किसान एवं राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के जिला महामंत्री राजकुमार बघेल ने बताया कि छह जून को उन्होंने 2500 रुपए में 35 लीटर डीजल खरीदा था और अब 18 दिन बाद वहीं 35 लीटर डीजल 2900 रुपए का आ रहा। वहीं बोवनी में मजदूरों को भी 150-200 रुपए के स्थान पर अब 300 से 400 रुपए तक देना पड़ रहे हैं। किसान नेता ने कहा कि एन वक्त पर इस तरह डीजल में मूल्य वृद्धि किसानों के साथ अन्याय है। इधर अहमदपुर क्षेत्र के किसान नेता मोहरसिंह रघुवंशी ने बताया कि डीजल, खाद एवं बीज के दाम बढऩे से किसान को यह बोवनी कार्य महंगा पड़ रहा है। अधिकांश सोसायटियों में खाद-बीज भी उपलब्ध नहीं हैं। उन्होंने कहा कि बोवनी के समय में सरकारों को किसानों की समस्याओं को दूर करना चाहिए लेकिन ऐसा न कर डीजल के दाम बढ़ाकर किसानों को लूटने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं समितियों में खाद-बीज उपलब्ध न करा कर उनके कार्य को और अधिक मुश्किल भरा किया जा रहा है।
जिले में अब तक हो चुकी 53 प्रतिशत बोवनी
इधर कृषि विभाग के उपसंचालक अमरसिंह चौहान के मुताबिक जिले में 53 प्रतिशत रकबे में बोवनी कार्य हो चुका है। बोनी का कार्य जारी है और जून माह में यह बोवनी पूरी हो जाने की संभावना है। उन्होंने बताया कि कुल रकबा 5 लाख 31 हजार 900 हेक्टेयर है और अब तक 2 लाख 86 हजार हेक्टेयर में बोवनी का कार्य हुआ है। इसमें सर्वाधिक बोवनी 2 लाख 45 हजार हेक्टेयर में सोयाबीन की हुई है। बोवनी का कार्य अभी जारी है।
इस तरह बढ़े डीजल के दाम
पेट्रोल पंप संचालकों के अनुसार डीजल के दाम 6 जून को 68 रुपए 46 पैसे लीटर था। 7 जून से लगातार दाम बढऩा शुरू हुए जो अब बढ़कर 79 रुपए 53 पैसे लीटर हो गए हैं। इन 18 दिनों में डीजल के दाम में करीब 11 रुपए 7 पैसे की बढ़ौतरी हुई है। इसी तरह पेट्रोल के दाम 6 जून को 77 रुपए 76 पैसा थे जो अब 87 रुपए 60 पैसा लीटर मिल रहा है। करीब 10 रुपए की बढ़ोतरी पेट्रोल में भी हो चुकी है।

यह है प्रति हेक्टेयर सोयाबीन बोवनी में खर्च का गणित
वर्ष-2019 वर्ष-2020
हकाई 800 रु 1200
जुताई 800 रु 1200
बुआई 800 रु 1200
बीज-1 क्ंिवटल 6300 रु. 7000
डीएपी 1295 रु. 1120
सिंगल सुपर 310 रु. 340
बीज उपचार 100 रु. 150
कुल खर्च 10405 रु. 12210
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