मालूम हो कि जिले में इस बार २२ हजार 589 हैक्टेयर में धान की बोवनी हुई थी। मंडी में धान की अधिक आवक के बीच किसान अपनी उपज के बेहतर दाम के लिए समर्थन मूल्य खरीदी केंद्रों के खुलने का इंतजार कर रहे थे। प्रशासन ने दो दिसंबर से इन खरीदी केंद्रों को शुरू कर दिया लेकिन इन केंद्रों पर खरीदी की व्यवस्थाएं दुरुस्त नहीं हो पा रही।
इससे किसान परेशान हो रहे हैंं। किसानों का कहना है कि धान बेंचने के लिए उन्हें एसएमएस मिल रहे पर नियत तारीख के बाद लगातार केंद्रों के चक्कर काट रहे पर धान नहीं खरीदी जा रही। कभी बारदाना नहीं होना बता कर लौटाया जा रहा तो कभी दो दिन बाद आने का कह कर धान खरीदने में टाला जा रहा है।
चार दिसंबर का मैसेज पर केंद्र पर खरीदी शुरू नहीं किसानों में ग्राम बोरिया निवासी रामनारायण मीणा का कहना है कि उन्हें धान बेंचने के लिए ४ दिसंबर का मेसेज मिला। दो बार केंद्र घूम आए और अब सोमवार को आने का कह रहे। इसी तरह ग्राम करैयाहाट निवासी गोविंदसिंह बघेल को भी दिसंबर का मेसेज दिया गया था।
इसी गांव के लाखनसिंह बघेल को 6 दिसंबर की तारीख एवं ग्राम कंचनपुर निवासी भवानीसिंह को ७ दिसंबर का मैसेज मिलने के बाद भी केंद्र पर धान नहीं बेंच पाए हैं। इसी तरह की स्थिति ढोलखेड़ी खरीदी केंद्र पर बन रही है। क्षेत्र के किसान नेता लाखनसिंह मीणा एवं राजकुमार बघेल का कहना है कि इस केंद्र को शीघ्र शुरू कराया जाना चाहिए।
अब तक 1478.80 क्ंिवटल की हो पाई खरीदी जिले में बनाए गए आठ खरीदी केंद्रों में व्यवस्थाओं की कमी ही कहें कि अब तक सिर्फ ४२ किसान ही अपनी धान बेंंच पाए हैं और इन किसानों से 1476.80 क्ंिवटल धान की खरीदी हुई है।
जबकि पंजीकृत किसानों की संख्या 2125 है और खरीदी का लक्ष्य 80 हजार क्ंिवटल रखा गया है। परिवहन का भी मामला अटका मिली जानकारी के अनुसार धान खरीदी शुरू हो गई लेकिन अभी तक परिवहन के टैंडर नहीं हो पाए हैं। टैंडर बुलाए गए थे, लेकिन इसमें कोई भी ट्रांसपोर्ट आगे नहीं आया।
इधर जिला विपणन अधिकारी विनोद उपाध्याय का कहना है परिवहन का मामला प्रक्रिया में है। गत वर्ष की दरों पर परिवहनकर्ता तैयार है। इसके लिए प्रस्ताव उपार्जन समिति में रखने के बाद मुख्यालय को प्रस्तुत किया जाएगा। वर्जन हमारी व्यवस्थाएं पूरी है। जो किसान बिना एसएमएस के पहुंच रहे या धान में गुणवत्ता की कमी है ऐसे किसानों की खरीदी रुक रही। खामखेड़ा केंद्र देरी से शुरू हुआ है। आगामी दिनों में किसानों की संख्या बढ़ेगी। -रश्मि साहू, जिला खाद्य अधिकारी