पुरा घटेरा के शिवचरण और सुरेश सम्पवेल में लगी नशेनी से उतरकर खतरनाक ढंग से एक कुप्पी भरकर पानी की जुगाड़ कर रहे हैं। वे सम्पवेल पहुंचे, उसका ढक्कन खोला और सीढिय़ों से किसी तरह करीब 20 फीट नीचे उतरकर एक कुप्पी पानी भरकर लाए। शिवचरण ने बताया कि मंडी में पानी का कोई इंतजाम नहीं है। सोमवार को दो टेंकर आए थे, लेकिन वे खाली हो गए। रात को भी पीने का पानी नहीं मिला। सुबह से परेशान हो रहे हैं। कुछ लोग यहीं से नसेनी से नीचे उतरकर पानी ले जा रहे हैं तो कुछ लोग मंडी परिसर या होटलों से पीने का पानी ला रहे हैं। इसी तरह अन्य कई लोग भी पानी के लिए अपनी कुप्पियां और खाली बॉटल लिए परेशान होते रहे।
खेजड़ा अहमदपुर के रूपसिंह, सुआखेड़ी के कुलदीप मीणा, गेंहूखेड़ी के राम मीणा और राधेश्याम मीणा, रायसेन बैजाखेडी के रंधीर सिंह मीणा जवाहर सिंह मीणा ने बताया कि दामों के विवाद में नीलामी प्रभावित हो रही है। हम रविवार से आए हैं। सोमवार को नीलामी शुरू हुई, लेकिन बोली लगाने वालों ने दाम एकदम से गिरा दिए।
रविवार को चार शेड में से दो शेड की ट्रालियों की भी पूरी नीलामी नहीं हो पाई। मंडी परिसर में अपनी उपज लेकर आए अधिकांश किसानों ने दो रातें ठंड में ठिठुरते हुए बिताईं हैं। वे ट्रालियों पर ही बैठे या लेटे रहे। एक-एक ट्राली के साथ ३-४ लोग तक आए हैं जो बारी-बारी से जागकर रखवाली करते रहे। रात से ही मंडी परिसर में आग जलाकर तापने का क्रम भी जारी रहा। चांदपुर के सौदान सिंह, बालाराम, गंगरवाड़ा के कोकसिंह, सौंथर के जगदीश, खेमचंद, प्रवीण, भगवान सिंह सहित अनेक किसान जगह-जगह आग जलाकर तापते नजर आए।
मंडी परिसर में दो मोटरें थीं। हाल में एक मोटर जल गई है, जबकि दूसरी नीचे गिर गई है। ऐसे में पानी की दिक्कत तो है। टेंकर मंगाकर पूर्ति की जा रही है। कोई किसान सम्पवेल से पानी ले आए होंगे। पानी की अतिरिक्त व्यवस्था करा रहा हूं।
-कमल बगवैंया, सचिव, कृषि उपज मंंडी विदिशा