scriptमंडी में किसानों का हंगामा, दफ्तर में की तोडफ़ोड़ | Farmers' uproar in Mandi, chakkaajam, breaking in office | Patrika News

मंडी में किसानों का हंगामा, दफ्तर में की तोडफ़ोड़

locationविदिशाPublished: Dec 15, 2019 04:02:03 pm

Submitted by:

Satish More

नीलाम कार्य बंद हो जाने और उनकी धान न बिकने पर किसानों का सब्र टूट गया

मंडी में किसानों का हंगामा,  दफ्तर में की तोडफ़ोड़

मंडी में किसानों का हंगामा, दफ्तर में की तोडफ़ोड़

विदिशा. मिर्जापुर मंडी में धान के उचित दाम नहीं मिलने से किसान आक्रोश में आ गए। उन्होंने हंगामा कर दिया। इस हंगामे के बीच व्यापारी भी मंडी से चलते बने। ऐसे में नीलाम कार्य बंद हो जाने और उनकी धान न बिकने पर किसानों का सब्र टूट गया और वे मंडी से बाहर सड़क पर चक्काजाम और मंडी का मुख्य द्वार बंद कर दिया। सूचना पर अधिकारी मौके पर पहुंचे लेकिन नीलाम कार्य शुरू नहीं हो रहा था। ऐसे में किसानों ने मंडी कार्यालय में तोडफ़ोड़ करना शुरू कर दी। खिड़कियों के कांच व अन्य सामान तोड़ दिया। पुलिस के पहुंचने पर मामला शांत हुआ। एसडीएम व विधायक भी पहुंचे और किसानों की समस्याएं सुनीं।

 

दाम बहुत कम लगाए जा रहे थे

किसानों का कहना है कि एक दिन पूर्व से मंडी परिसर में रुके हैं। रात में बारिश और सर्दी से जूझते रहे। ट्रॉली में लाए धान को बारिश से बचाने के लिए 100 रुपए की तिरपाल के 500 रुपए में खरीदना पड़ी और जब सुबह धान की नीलामी शुरू हुई तो दाम बहुत कम लगाए जा रहे थे।

 

ग्राम बेरखेड़ी के किसान रंधीरसिंह मीणा, ग्राम सुकर्रा के किसान योगेश पटेल आदि ने बताया कि 2200 से 2300 रुपए क्विंटल की धान हैं और मंडी में इसे 1300 से 1600 रुपए में खरीदा जा रहा था, वहीं व्यापारी रेट बढ़ाने को तैयार नहीं थे। इसीलिए किसान आक्रोश में आए और हंगामा किया।

 

शनिवार को मंडी खोलने पर बनी सहमति: किसानों के इस हंगामे के बीच विधायक शशांक भार्गव, अनाज तिलहन संघ के अध्यक्ष माहेश्वरी सहित अन्य व्यापारी मंडी कार्यालय पहुंचे। एसडीएम प्रवीण प्रजापति ने बताया कि किसानों की समस्या धान के कम रेट मिलने व आगामी दो दिन मंडी बंद रहने की थी। इस पर सहमति बनी की शनिवार अवकाश के दिन भी नीलामी होगी एवं सभी किसानों की धान की खरीदी की जाएगी।

एसडीएम प्रवीण प्रजापति भी मंडी पहुंचे। यहां किसानों का कहना रहा कि हमारी बासमती धान है। इसलिए हमने समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए पंजीयन नहीं कराया। ऐसे में हम अपनी धान समर्थन खरीदी केंद्र में भी नहीं बेंच सकते। मंडी में विक्रय के अलावा कोई विकल्प नहीं है। वहीं शनिवार व रविवार को मंडी बंद रहने से किसानों को तीन दिन मंडी में रुकने की स्थिति बनेगी। इसलिए व्यापारियों द्वारा धान के कम दाम दिए जा रहे। अनाज तिलहन व्यापार संघ के अध्यक्ष राधेश्याम माहेश्वरी ने बताया कि रेट में तेजी और मंंदी, मांग और पूर्ति के आधार पर रहती है। इसमें व्यापारी अपनी मर्जी से कुछ नहीं करता।


मुख्य मार्ग पर लगा रहा जाम
आक्रोशित किसान मंडी परिसर से बाहर आ गए और मंडी के सामने विदिशा-सागर मार्ग पर बैठ गए। इस दौरान किसी तरह के वाहनों की आवाजाही रोक दी गई। सिर्फ एंबुलेंस को ही निकलने के लिए रास्ता दिया जा रहा था। सूचना पर तहसीलदार सरोज अग्निवंशी पहुंची, नायब तहसीलदार व पुलिस बल भी पहुंचा लेकिन किसान धान का उचित दाम दिलाए जाने एवं नीलाम कार्य शुरू कराए जाने की मांग करते रहे।


नीलाम के लिए रह गई थीं 450 ट्रॉली
मंडी से मिली जानकारी के अनुसार मंडी में नीलाम कार्य शुरू होने के बाद करीब 15 ट्रॉली धान की नीलाम ही हो पाई थी कि रेट को लेकर हुए हंगामे से नीलाम कार्य बंद हो गया। इससे करीब 450 ट्रॉली धान नीलाम होने से रह गई।
एसडीएम को सुनाई व्यथा

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो