सुबह 4:00 बजे से ही महिलाओं और श्रद्धालुओं की भीड़ बेतवा तट पर पहुंचने लगी थी। स्नान करने के बाद महिलाएं मां वेत्रवती का पूजन कर दीपदान कर रही थी मंदिरों में जाकर पूजन-अर्चन किया जा रहा था । वहीं पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाने श्रद्धालुओं की कतारें लगी हुई थी मंदिरों में भक्तों की भीड़ रही। वहीं यहां पर मेला जैसा नजारा देखने को मिला। खेल खिलौनों के साथ ही विभिन्न सामग्री बेचने वाले फुटपाथ पर यहां-वहां बैठे हुए थे। दोपहर तक नदी पर श्रद्धालुओं के आने का तांता लगा रहा। नदी गात पर आतिशबाजी की जा रही थी।
रातभर हुए भजन-कीर्तन मां वेत्रवती घाट सुधार समिति द्वारा आयोजित किए गए पांच दिवसीय वेत्रवति महोत्सव का समापन शनिवार की सुबह हुआ। महोत्सव के तहत नदी किनारे कवि सम्मेलन के साथ ही अन्य धार्मिक आयोजन हुए। वहीं बीती रात रात्रि जागरण के दौरान भजन कीर्तन और सुंदर कांड पाठ हुआ। हरिद्वार से आये संतो द्वारा प्रवचन भी किये गए। सुबह 5:00 बजे मां वैत्रवती का पूजन कर दुग्धाभिषेक किया गया। इसके बाद बेतवा को चुनरी ओढ़ाई गई और मां के भजन-कीर्तन के साथ वेत्रवती महोत्सव का समापन हुआ इस दौरान श्रद्धालुओं की खासी भीड़ रही।
22 साल से कर रहे बेतवा का पूजन मां वेत्रवती घाट सुधार समिति के अध्यक्ष गोवर्धन साहू ने बताया कि यह महोत्सव विगत 22 वर्षों से मनाते आ रहे हैं । जिसका उद्देश्य बेतवा की साफ सफाई के लिए लोगों को जागरुक करना और एकता समरसता का संदेश देना है। इस दौरान हिंदू जागरण मंच के महिपाल सिंह राजपूत, ओमप्रकाश कुशवाह, संजय प्रजापति, रवि कपूर, मिंटू साहू सहित समिति के कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।
मेला जैसा रहा नजारा नदी पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ के साथ ही खेल खिलौने लड्डू, प्रसाद, फूल- माला आदि की दुकानें लग गई थी। नदी किनारे स्थित शनि मंदिर पर श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी कतारें लगी रहीं। रामलीला तिराहा से लेकर नदी तक सड़क श्रद्धालुओं से खचाखच भरी हुई थी। जिससे यहां के दृश्य मेला जैसा नजर आ रहा था। व्यवस्थाएं बनाए रखने के लिए पुलिस बल कम ही नजर आया। गोताखोर और होमगार्ड जवान नदी में वोट चलाकर निगरानी कर रहे थे।