scriptरामलला के जन्म पर बरसे फूल, आतिशबाजी और मनी खुशियां | Flowers, fireworks and money happy on the birth of Ramlala | Patrika News

रामलला के जन्म पर बरसे फूल, आतिशबाजी और मनी खुशियां

locationविदिशाPublished: Jan 18, 2020 09:23:20 pm

Submitted by:

govind saxena

रामलीला का 119 वां वर्ष

रामलला के जन्म पर बरसे फूल, आतिशबाजी और मनी खुशियां

रामलला के जन्म पर बरसे फूल, आतिशबाजी और मनी खुशियां

विदिशा. ऐतिहासिक रामलीला में शनिवार की शाम उत्सव की थी। रामलला ने अपने चारों भाइयों सहित जन्म लिया। राम जन्म होते ही पूरे परिसर में खुशियां मनाई जाने लगीं। बाजे बजने लगे, बालरूप राम और उनके भाईयों पर देवता फूल बरसाने लगे, खूब आतिशबाजी हुई, नृत्यांगनाओं ने बधाई नृत्य किए और मिठाई बांटी जाने लगी। इसके बाद बाल रूप चारों भाईयों की लीलाओं से रामलीला परिसर चहक उठा।

रामलीला की शुरूआत में राजा दशरथ ने पुत्र प्राप्ति के लिए महर्षि वशिष्ठ के कहने पर यज्ञ शुरू किया। भट्ट ऋषि(अंकित अग्रवाल) के निर्देशन में राजा दशरथ(एड. मदनकिशोर शर्मा), महारानी कौशल्या(राज तिवारी)और महारानी कैकई(राम शर्मा) ने अग्निकुण्ड में आहुतियां दीं तो प्रसन्न होकर अग्निदेव(कृष्णा पुरोहित)प्रकट हुए। उनके द्वारा दिए खीर को खाने के बाद अयोध्या के महल में राम सहित चारों राजकुमारों का जन्म हुआ। भय प्रकट कृपाला…की स्तुति के साथ माता कौशल्या पालने में चारों शिशु राजकुमारों को दुलारती रहीं। इसके बाद राजा दशरथ और तीनों रानियों ने बाल रूप राजकुमारों को खूब दुलारा, उनकी बाल लीलाएं हुईं, खेल खेले, लकड़ी की गाड़ी चलाई, गेंद से खूब खेले और पूरे परिसर में ठुमक-ठुमक कर सबका मन मोहते रहे। इस दौरान पूरा अयोध्या भवन और रामलीला परिसर आकर्षक रोशनी से जगमगा रहा था।

बालरूप राम बनने हैदराबाद से आए प्रभव
रामलीला से कई परिवारों का पीढिय़ों का रिश्ता है और वे इस रिश्ते को और गाढ़ा बनाने में लगे हैं। लीला से तीन पीढिय़ों से जुड़े कीर्तिप्रकाश शर्मा ने बताया कि इस बार बालरूप राम बनने के लिए हैदराबाद में रह रहे उनके पोते 5 वर्ष के प्रभव शर्मा को विदिशा बुलाया है। वह आज बाल रूप राम बन रहा है। हमारी ये चौथी पीढ़ी है। हमें नहीं मालूम आगे इस बच्चे को मौका मिले न मिले, लेकिन नई पीढ़ी को भी हम रामलीला से जोड़े रखना चाहेंगे, यह हमारी विरासत है। प्रभव केवल एक दिन बालरूप राम बनकर हैदराबाद लौट जाएंगे। वहां प्रभव के पिता वैभव शर्मा सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। यहां बता दें कि कीर्ति प्रकाश शर्मा भी वर्षाे से रामलीला में अलग-अलग किरदार निभाते आ रहे हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो