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एनएच पर दो सड़क हादसों में खत्म हुईं चार जिंदगियां

एनएच पर सोमवार की रात दो स्थानों पर हुए सड़क हादसे में चार लोगों की मौत हो गई।

विदिशाApr 17, 2019 / 01:05 pm

Bhupendra malviya

एनएच पर दो सड़क हादसों में खत्म हुईं चार जिंदगियां

विदिशा। सोमवार-मंगलवार की दरम्यिानी रात चार परिवारों के लिए अमंगलकारी साबित हुई। एनएच पर सोमवार की रात दो स्थानों पर हुए सड़क हादसे में चार लोगों की मौत हो गई। इसमें दो युवक परिवार के इकलौते सहारे थे। मंगलवार को जिला अस्पताल में शवों के पीएम हुए। इस दौरान परिजन बिलख उठे। मृतकों में एक भोपाल, दो रायसेन जिले के ग्राम पिपलिया एवं एक विदिशा के मिर्जापुर ग्राम का निवासी है। मिली जानकारी के अनुसार रात करीब 12.30 बजे सांची स्थित संबोधी होटल के पास दो बाइक टकराई।

इसमें एक बाइक पर न्यू चौकसे नगर नामाखेड़ी भोपाल निवासी करीब 29 वर्षीय मनीष महावर एवं उसका मित्र राहुल महावर था। मनीष वाहन इंश्योरेंस का कार्य करता है। इसी कार्य के लिए वह यहां आया और वापस लौटते समय सांची संबोधी होटल के पास सामने से आती बाइक के बीच टक्कर हो गई। इस बाइक पर रायसेन जिले के ग्राम पिपलिया निवासी करीब ३५ वर्षीय जियललाल एवं करीब 30 वर्षीय दिनेश आदिवासी थे।

दोनों बाइक आमने सामने से टकराने पर मनीष महावर का दोस्त राहुल दूर फिका गया। वह मामूली घायल हुआ। जबकि अन्य तीनों गंभीर रूप से घायल हुए। सांची अस्पताल से इन तीनों को जिला अस्पताल रेफर किया जहां तीनों को मृत घोषित कर दिया। मनीष का पीएम सुबह हो गया, जबकि दोपहर में रायसेन के ग्राम पिपलिया से मृतकों के परिजन जिला अस्पताल आए। जहां शव का पीएम कर उनके परिजनों को सौंपा गया।

 

परिजन रामदास, चंदरसिंह आदि ने बताया कि जियललाल एवं उसका साथी दिनेश शाम को पांजरा गांव जाने के लिए घर से निकले थे। वे सांची के पास कैसे पहुंचे समझ नहीं आ रहा है। जियललाल के चार छोटे बच्चे एवं दिनेश के तीन छोटे बच्चे हैं। इधर मिर्जापुर के पास हादसा वहीं इस घटना से पूर्व रात करीब 8.30 बजे सिविल लाइन थानांतर्गत मिर्जापुर आइल फैक्ट्री के पास सड़क हादसा हुआ। पुलिस के मुताबिक इसमें मिर्जापुर निवासी करीब 27 वर्षीय झुन्नूलाल रावत आदिवासी की बाइक ट्रॉली से टकराई। सिर में गहरी चोट आने से वह वहीं बेहोश हो गया।

 

 

सूचना पर पुलिस पहुंची और उसे जिला अस्पताल पहुंचाया जहां उसकी मौत हो गई। परिजनों के मुताबिक झुन्नूलाल मिस्त्री का काम करता है और वह अपने काम से वापस घर आ रहा था। इस दौरान यह हादसा हुआ।

रिटायर्ड बैंक कर्मचारी का इकलौता पुत्र था मनीष…

मृतक मनीष भोपाल निवासी रिटायर्ड बैंक कर्मचारी राधेश्याम महावर का इकलौता पुत्र था। पुलिस से मिली सूचना पर वे जिला अस्पताल पहुंचे। उन्होंने बताया कि तीन संतानों में मनीष इकलौता पुत्र था। एमबीए फायनेंस करने के बाद सरकारी नौकरी नहीं मिल पाई तो प्राइवेट में वाहन इंश्यारेंस की नौकरी कर रहा था। इंश्योरेंस कार्य के कारण उसका विदिशा आनाजाना रहता था। इस हादसे से पिता के आंसू नहीं थम रहे थे। उन्होंने बताया कि मनीष की शादी हो चुकी थी और 10 माह का छोटा बच्चा भी है।

 

मनीष से पूरे घर को बहुत उम्मीद थी…

बुढ़ापे का सहारा चला गया इधर आदिवासी झुन्नूलाल की मौत से परिजन सुमित्रा बाई सदमे में थी। उसका कहना रहा कि वह मेरे बुढ़ापे का सहारा था। झुन्नूलाल के माता-पिता का बचपन में निधन होने के बाद से 6 माह की उम्र से उसने उसे पाला। झुन्नूलाल के तीन बच्चे हैं जिसमें एक बेटा 10 वर्ष व दो छोटी बेटियां है। परिवार का भरण पोषण उसी पर आश्रित था।

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