गैस आधारित शवदाह में अंत्येष्टि के लिए बनानी होगी मानसिकता-कलेक्टर
विदिशाPublished: Sep 18, 2020 08:08:00 pm
कलेक्टर को ज्ञापन देते सामाजिक प्रतिनिधि
गैस आधारित शवदाह में अंत्येष्टि के लिए बनानी होगी मानसिकता-कलेक्टर
विदिशा. नगर में वर्तमान में मुक्धिाम में शवों के अंतिम संस्कार में आनी वाली समस्याओं को लेकर नगर की विभिन्न सामाजिक संस्थाओं ने कलेक्टर को ज्ञापन दिया। संस्थाओं ने कलेक्टर से मुक्तिधाम में गैस आधारित शवदाह गृह बनाए जाने की मांग की। इस पर कलेक्टर ने कहा कि यकीनन प्रस्ताव अच्छा है, लेकिन इस गैस शवदाह प्रक्रिया को सभी समाजजनों को स्वीकारना होंगा तभी इसकी उपयोगिता सिद्ध होगी। यह सभी लोगों में धारणा बनना जरूरी है कि गैस शवदाह गृह में पार्थिव देह का अंतिम संस्कार सामाजिक व धार्मिक मान्यताओं में श्रेष्ठ है।
सामाजिक प्रतिनिधियों ने कहा कि कोरोना काल में बहुत कम लोग अंत्येष्टि में शामिल हो रहे हैं, ऐसे में लकड़ी-कंडों की व्यवस्था करना पीडि़त परिवार के लिए बड़ी समस्या बन रहा है। एक शव के लिए करीब ढाई से तीन क्विंटल लकड़ी की जरूरत पड़ती है। भविष्य में भी पर्यावरण को देखते हुए हमें इस दिशा में सामाजिक परिवर्तन लाना ही होगा। इस मौके पर भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेशाध्यक्ष राजेश जैन ने कहा कि हम साझा प्रयास करेंगे कि आम लोगों में बदलाव आए और वे अपने परिजनों और समाज के लोगों में शवों के गैस शवदाह गृह में अंतिम संस्कार के लिए आगे आएं। ज्ञापन सौंपने वालों में राजेश प्रीत, राजेश शर्मा, कमलजीत सिंह, मनाोज खेड़ा, शैलेन्द्र जैन, संदीप जैन, सुजीत देवलिया, गोविंद देवलिया, मनोज जैन, राधेश्याम माहेश्वरी, विवेक जैन, ऋषि जालौरी, कपिल मतानी तथा गोपाल कुशवाह आदि अनेक लोग शामिल थे।