—— आज और कल होगा निरीक्षणडिप्टी कलेक्टर अमृता गर्ग के नेतृत्व में जिले में हर सरकारी स्कूल की 29 और 30 सितम्बर को एक साथ पड़ताल होगी। इसके लिए जिला और ब्लॉक स्तर पर 70 टीमों का गठन किया गया है। इन टीमों में डीईओ, डीपीसी, डाइट प्राचार्य, बीईओ, बीआरसी सहित संकुल प्राचार्य शामिल किए गए हैं। ये टीमें जिले के हर सरकारी स्कूल में पहुंचकर वहां की गुणवत्ता की हकीकत जांचेगी और फिर अपनी रिपोर्ट देगी। रिपोर्ट के आधार पर सुधार की तस्वीर तय की जाएगी।
— तय बिन्दुओं पर होगी जांच, फिर होगी समीक्षा मौके पर जाकर जांच करने वाली टीमें हर स्कूल में पहले से तय मानकों के अनुरूप स्कूल की गुणवत्ता परखेंगे। इसमें सबसे प्रमुख बच्चों को उस समय तक तय कोर्स की तैयारी कराई या नहीं? होमवर्क का मूल्यांकन हुआ या नहीं? बच्चे को उसकी कक्षा के स्तर का लिखना पढ़ना आता है या नहीं? आदि अनेक बिन्दुओं पर फोकस रहेगा। इर बिन्दु के लिए अंक तय किए गए हैं, जांच पूरी होने पर इसके आधार पर स्कूलों की ग्रेडिंग तय होगी और फिर ब्लॉक स्तर पर इस जांच की समीक्षा की जाएगी।
—- अपने संकुल में जांच दल में शामिल नहीं होंगे प्राचार्यस्कूलों की जांच के लिए जो दल गठित किए गए हैं, उनमें संकुल प्राचार्य भी शामिल किए गए हैं, लेकिन यह ध्यान रखा गया है कि संकुल प्राचार्य अपने संकुल की जांच टीम में शामिल नहीं होगे, जांच के लिए उनका संकुल बदल दिया गया है। ब्लॉक स्तर पर समीक्षा के बाद स्कूलों की जो हकीकत सामने आएगी उसे जिला पंचायत सीईओ के समक्ष रखा जाएगा और फिर शिक्षकों को पहले चरण में एक निश्चित समय उन कमियों को पूरा करने के लिए दिया जाएगा।
— पत्रिका करता रहा है फोकस सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर पर पत्रिका लगातार दूरस्थ अंचल में जाकर भी लाइव रिपोर्टिंग के जरिए हकीकत सामने रखता रहा है। हाल ही में शमशाबाद और लटेरी क्षेत्र के सरकारी स्कूलों की लाइव खबर में पत्रिका ने उजागर किया था कि स्कूल के पांचवीं, आठवीं के बच्चों को एक लाइन हिन्दी पढ़ना और अपने शिक्षक का नाम लिखना तक नहीं आता।
— वर्जन…आकांक्षी जिले में स्कूलों पर काफी फोकस किया जा रहा है। खासकर बच्चों में अंग्रेजी-गणित के ज्ञान पर जोर है। हम निचले स्तर पर भी जाकर हकीकत जानना चाह रहे हैं। हमारी टीमें शिक्षकों और बच्चों का स्तर भी जानेंगी कि दिक्कत कहां है? इसके बाद योजनाबद्ध तरीके से सुधार का प्रयास किया जा रहा है। पूरी पड़ताल के बाद हम जिला स्तर पर समीक्षा करेंगे।
-अमृता गर्ग, अभियान प्रभारी