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VIDISHA के पिछड़ेपन का दाग धाेने 280 सरकारी स्कूलों में 70 टीमें झौंकीं

locationविदिशाPublished: Sep 28, 2022 09:37:52 pm

Submitted by:

govind saxena

होगा निरीक्षण, कार्रवाई की बजाय सुधार पर रहेगा फोकस

VIDISHA के पिछड़ेपन का दाग धाेने 280 सरकारी स्कूलों में 70 टीमें झौंकीं

VIDISHA के पिछड़ेपन का दाग धाेने 280 सरकारी स्कूलों में 70 टीमें झौंकीं

विदिशा. जिले पर शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला बाल विकास जैसे विभागों की कार्यशैली से पिछड़ेपन का दाग लगा हुआ है। इस दाग को धोने के लिए यूं तो पहले भी कई प्रयास किए गए, लेकिन नतीजे सिर्फ कागजों में ही रहे। इस बार शिक्षा में सिर्फ गुणवत्ता पर जोर देते हुए आज से अभियान शुरू किया जा रहा है, जिसके लिए शिक्षा विभाग ने 70 टीमें बनाकर जिले के सरकारी स्कूलों की सख्त मानीटरिंग के लिए झौंक दी हैं। ये टीमें आकस्मिक नहीं, बल्कि स्कूलों में पूर्व नियोजित तारीख और समय पर जाएंगी और देखेंगी कि स्कूलों का रिकार्ड ठीक है कि नहीं, बच्चों को उनके स्तर के अनुरूप लिखना-पढ़ना आता है कि नहीं, और अगर नहीं आता है कि शिक्षकों को एक तय समय सीमा दी जाएगी जिससे वे उस कक्षा के स्तर के अनुरूप बच्चों को तैयार कर सकें। आकांक्षी जिले में चुनिंदा विभागो की योजनाओं को पूरी तरह लागू करने और उनकी मॉनीटरिंग का काम कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने जिला पंचायत सीईओ डॉ योगेश भरसट को सौंप रखा है। डॉ भरसट ने स्कूलों में गुणवत्ता सुधारने के लिए डिप्टी कलेक्टर अमृता गर्ग को जिम्मेदारी सौंपी है।
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आज और कल होगा निरीक्षणडिप्टी कलेक्टर अमृता गर्ग के नेतृत्व में जिले में हर सरकारी स्कूल की 29 और 30 सितम्बर को एक साथ पड़ताल होगी। इसके लिए जिला और ब्लॉक स्तर पर 70 टीमों का गठन किया गया है। इन टीमों में डीईओ, डीपीसी, डाइट प्राचार्य, बीईओ, बीआरसी सहित संकुल प्राचार्य शामिल किए गए हैं। ये टीमें जिले के हर सरकारी स्कूल में पहुंचकर वहां की गुणवत्ता की हकीकत जांचेगी और फिर अपनी रिपोर्ट देगी। रिपोर्ट के आधार पर सुधार की तस्वीर तय की जाएगी।

तय बिन्दुओं पर होगी जांच, फिर होगी समीक्षा

मौके पर जाकर जांच करने वाली टीमें हर स्कूल में पहले से तय मानकों के अनुरूप स्कूल की गुणवत्ता परखेंगे। इसमें सबसे प्रमुख बच्चों को उस समय तक तय कोर्स की तैयारी कराई या नहीं? होमवर्क का मूल्यांकन हुआ या नहीं? बच्चे को उसकी कक्षा के स्तर का लिखना पढ़ना आता है या नहीं? आदि अनेक बिन्दुओं पर फोकस रहेगा। इर बिन्दु के लिए अंक तय किए गए हैं, जांच पूरी होने पर इसके आधार पर स्कूलों की ग्रेडिंग तय होगी और फिर ब्लॉक स्तर पर इस जांच की समीक्षा की जाएगी।
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अपने संकुल में जांच दल में शामिल नहीं होंगे प्राचार्यस्कूलों की जांच के लिए जो दल गठित किए गए हैं, उनमें संकुल प्राचार्य भी शामिल किए गए हैं, लेकिन यह ध्यान रखा गया है कि संकुल प्राचार्य अपने संकुल की जांच टीम में शामिल नहीं होगे, जांच के लिए उनका संकुल बदल दिया गया है। ब्लॉक स्तर पर समीक्षा के बाद स्कूलों की जो हकीकत सामने आएगी उसे जिला पंचायत सीईओ के समक्ष रखा जाएगा और फिर शिक्षकों को पहले चरण में एक निश्चित समय उन कमियों को पूरा करने के लिए दिया जाएगा।

पत्रिका करता रहा है फोकस

सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर पर पत्रिका लगातार दूरस्थ अंचल में जाकर भी लाइव रिपोर्टिंग के जरिए हकीकत सामने रखता रहा है। हाल ही में शमशाबाद और लटेरी क्षेत्र के सरकारी स्कूलों की लाइव खबर में पत्रिका ने उजागर किया था कि स्कूल के पांचवीं, आठवीं के बच्चों को एक लाइन हिन्दी पढ़ना और अपने शिक्षक का नाम लिखना तक नहीं आता।

वर्जन…आकांक्षी जिले में स्कूलों पर काफी फोकस किया जा रहा है। खासकर बच्चों में अंग्रेजी-गणित के ज्ञान पर जोर है। हम निचले स्तर पर भी जाकर हकीकत जानना चाह रहे हैं। हमारी टीमें शिक्षकों और बच्चों का स्तर भी जानेंगी कि दिक्कत कहां है? इसके बाद योजनाबद्ध तरीके से सुधार का प्रयास किया जा रहा है। पूरी पड़ताल के बाद हम जिला स्तर पर समीक्षा करेंगे।
-अमृता गर्ग, अभियान प्रभारी

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