मालुम हो कि बीती रात कुछ स्थानों पर तेज बारिश हुई जबकि शनिवार को भी सुबह से रुक-रुक कर रिमझिम बारिश होती रही। जिले में विदिशा, कुरवाई, पठारी, लटेरी ग्यारसपुर हर तरफ हो रही इस बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। किसान नेता लाखन सिंह मीणा के मुताबिक ग्राम बोरिया, गुरारिया, सेमरा खमतला, भियाखेड़ी, बदनपुर आदि गांव में सोयाबीन व उड़द फसल कई खेतों में कट रही थी, जहां अब कटाई की मशीनें रुक गई है।
वहीं अहमदपुर क्षेत्र के किसान मोहर सिंह रघुवंशी के मुताबिक ग्राम डंगरबाड़ा, दतियाखेड़ी सोंथर, कांकरखेड़ी, सतपाड़ा, करारिया, रोड़ा, झिरनिया, भाटनी, बेरखेड़ी में भी उड़द व सोयाबीन की फसल पक चुकी है और किसान कटाई कार्य कर रहे थे, लेकिन यह बारिश आफत बन रही। अगर एक-दो दिन और बारिश हुई तो फसल को काफी नुकसान हो जाएगा।
यह पड़ेगा असर
किसानों का कहना है कि बारिश से सोयाबीन दागी हो जाएगा। इससे उसे मंडी में रेट कम मिलेगा और किसानों को नुकसान होगा। इसी तरह उड़द की फसल थोड़ी सी बारिश में ही खराब हो जाती है। जबकि जिले में इन दोनों ही फसलों का रकबा अन्य फसलों से अधिक है।
दिन भर रुक रुक कर होती रही बारिश, फसलों पर आफत
सिरोंज. शुक्रवार को बदले मौसम का असर शनिवार को भी दिन भर रहा। सुबह से देर रात तक हल्की बारिश रुक रुक कर होती रही। इससे किसानों की चिंताएं बढ़ गईं हैं। इस समय उडद-मूंग के साथ 60 दिनों में आने वाले सोयाबीन की कटाई का काम जोरों पर चल रहा है। अधिकांश किसानों की फसलें खेतों में कटी पड़ी हैं, जो अब खराब हो जाएंगी। मौसम विभाग आगे भी पानी गिरने की भविष्यवाणी कर रहा है जिसके चलते इनकी परेशानियंा बढ़ रही हैं। किसानों का कहना है पानी गिरने के कारण हमारी फसलें गीली हो गई है, ज्यादा पानी गिरता है सडकर नष्ट हो जाएगी। पहले ही पानी की वजह से नुकसान हो चुका है वहीं दो दिनो से पानी गिरने से तापमान में गिरावट हो गई है।
-खेतों में खड़ी सोयाबीन फसल को बारिश से कोई नुकसान नहीं है। वहीं खेतों में कटी सोयाबीन फसल एवं उड़द को नुकसान पहुंचेगा जबकि धान के लिए बारिश फायदेमंद है। दो दिन की बारिश थी अब मौसम खुलने की संभावना है। -पीके चौकसे, उपसंचालक, कृषि विभाग