scriptटीले में दबी रह गईं विजय मंदिर के मूल रूप में आने की उम्मीदें | Hopes of coming back in original form of Vijay Mandir buried in mound | Patrika News
विदिशा

टीले में दबी रह गईं विजय मंदिर के मूल रूप में आने की उम्मीदें

स्मारक को खतरा बताते हुए उत्खनन से इंकार, सुरक्षा के लिए बाउंड्री होने लगी ऊंची

विदिशाSep 22, 2021 / 10:51 pm

govind saxena

टीले में दबी रह गईं विजय मंदिर के मूल रूप में आने की उम्मीदें

टीले में दबी रह गईं विजय मंदिर के मूल रूप में आने की उम्मीदें

विदिशा. एक वर्ष पहले तत्कालीन पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल ने विजय मंदिर परिसर में टीले का उत्खनन करने के निर्देश देकर जिले के सबसे बड़े पुरा स्मारक को उसके मूल रूप में लौटाने की उम्मीदें जगाईं थीं। उन्होंने यह भी कहा था कि उत्खनन से प्राप्त अवशेषों को जोडकऱ, इतिहासकारों से बात कर इसका मॉडल भी तैयार किया जाए। लेकिन पर्यटन मंत्री के विभाग बदलते ही शायद इस पुरा स्मारक के मूल रूप में वापस आने की उम्मीदें भी खत्म सी हो गई हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की मानें तो उत्खनन आसान नहीं है, पीछे वाले हिस्से में नींव नजर नहीं आती, ऐसे में खुदाई हुई तो स्मारक को खतरा हो सकता है। यही कारण है कि टेंडर होने के बावजूद ये काम नहीं हो पा रहा है।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने अपने ही बोर्ड में लिख रहा है कि औरंगजेब ने इस मंदिर को तोडकऱ इसी के पत्थरों से मस्जिद का निर्माण किया था। जिले के इस अद्वितीय पुरा स्मारक को परमारकाल में पुन: बनाए जाने के संकेत हैं। मंदिर के एक द्वार पर अब भी शंख बने हुए हैं, देवी देवताओं की प्रतिमाओं से भरे पड़े इस स्मारक के चबूतरे को देखकर ही इसकी भव्यता और विशालता का अंदाजा लगाया जा सकता है। यही देखकर पर्यटन मंत्री पटेल ने यहां का रुख किया था और पूरे परिसर का भ्रमण कर स्मारक के पीछे के हिस्से में ऊंचे टीले की खुदाई करने के निर्देश अधिकारियों को दिए थे ताकि इसकी गहराई का पता चल सके और कुछ पुरासंपदा और हो तो वह भी सामने आए। इसके साथ ही मंत्री पटेल ने यहां की आठवीं शताब्दी की बावड़ी की सफाई और उस पर जाल ढंकने के निर्देश दिए थे, यह काम पूरा हो चुका है। मंत्री ने परिसर की सुरक्षा के लिए इसकी बाउंड्री को भी ऊंचा करने और ऊपर ग्रिल लगाने को कहा था यह काम अभी चल रहा है। नहीं हो पाया तो सिर्फ उत्खनन का काम नहीं हो पाया, जो मंदिर के मूल स्वरूप में लाने की कड़ी में सबसे महत्वपूर्ण था।
मस्जिद वाले हिस्से में नींव नहीं दिखती
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के कनिष्ठ संरक्षण अधिकारी संदीप महतो कहते हैं कि बीजा मंडल परिसर में अभी बाउंड्री का काम चल रहा है। आसपास के लोग कचरा आदि परिसर में डालते हैं, इसलिए बाउंड्री को पत्थरों से ऊंचा कर उस पर ग्रिल लगाई जा रही है। जहां तक खुदाई का सवाल है तो जिस हिस्से में पीछे मस्जिद बनी है, वहां नीचे नींव नहीं दिख रही है। इसलिए खुदाई के कारण स्मारक को नुकसान हो सकता है। हालांकि टेंडर में उत्खनन शामिल था, लेकिन इंजीनियर्स की सलाह पर यह काम नहीं कराया जा रहा है।
वर्जन…
बीजा मंडल परिसर में पहले उत्खनन हो चुका है। मंत्री जी ने एक हिस्से के उत्खनन के लिए कहा था, लेकिन वहां दिक्कत आ रही है। उत्खनन से स्मारक को नुकसान पहुंचने की आशंका है। सर्वे कराया था, जिसकी रिपोर्ट में ये आशंका जताई गई थी। मंत्री जी को भी इस विषय में बता दिया गया है। इसके अलावा परिसर में कुछ अन्य स्थानों पर उत्खनन संभावित है। यह काम हमारे प्रोजेक्ट में हैं। उत्खनन सामान्य नहीं है, यह वैज्ञानिक तरीके से ही होगा।
-डॉ. पीयूष भट्ट, अधीक्षण पुरातत्वविद् भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण भोपाल

Home / Vidisha / टीले में दबी रह गईं विजय मंदिर के मूल रूप में आने की उम्मीदें

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो