गौर ने कहा कि सुखी और सुरक्षित जीवन जीने का सभी को अधिकार है। यदि आपके अधिकारों पर कुठाराघात हो रहा है तो कोई भी नागरिक जनहित याचिका के माध्यम से न्याय प्राप्त कर सकता है। वरिष्ठ समाजसेवी अतुल शाह ने कहा कि स्वच्छ पर्यावरण आज के दौर में मानव अधिकारों की प्रमुख मांग है। यदि हम पर्यावरण की रक्षा के लिए सजग नहीं हुए तो आने वाली पीढिय़ां हमें माफ नहीं करेंगीं।
प्रारंभ में राजीव पीतलिया, सीएल गोयल, सुजीत देवलिया, नारायण दास गोयल, अनीस अब्बासी आदि ने अतिथियों का स्वागत किया। व्यापार महासंघ के पूर्व अध्यक्ष सुरेश मोतियानी ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा के लिए सबसे पहले पॉलीथिन पर रोक तथा सिंगल यूज प्लास्टिक को हतोत्साहित करने की जरूरत है। सरकार छोटे व्यापारियों पर कार्रवाई करने की बजाय पॉलीथिन के उत्पादन पर रोक लगाए।
महासंघ के अध्यक्ष मुन्नाभैया जैन ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा के लिए हम सबको जागरुक और सजग होना पड़ेगा, तभी सुरक्षित जीवन संभव है। शुद्ध पानी, शुद्ध हवा और शुद्ध भोजन सबसे पहला मानवाधिकार है। आयोग मित्र घनश्याम बंसल ने कहा कि मानव अधिकार आयोग हमेशा समाज के कल्याण और सामाजिक सरोकारों के लिए अपना काम कर रहा है। आभार दीप्ति खरे ने व्यक्त किया। कार्यशाला में बड़ी संख्या में प्रबुद्धजन मौजूद थे।
उधर मानव अधिकार संरक्षण परिषद के अध्यक्ष सुभाष बोहत ने अपने साथियों के सहयोग से मानव सेवा न्यास भवन में मानवाधिकार दिवस पर गरीबों को भोजन कराया और मानवाधिकार तथा उनकी सुरक्षा विषय पर संगोष्ठि का आयोजन किया। इसमें बोहत के साथ ही आरडी पंथी, नदीम जावेद खान, राजेन्द्र कटारे आदि ने संबोधित किया।