धरना आंदोलन में जिले भर से भाजपा के पदाधिकारी सहित कई पूर्व विधायक व बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल रहे। खास निशाना कांगे्रस नेता अजयसिंह रहे। अधिकांश पदाधिकारियों ने इस हमले को लेकर ईंट का जबाव पत्थर से देने की बात कही। वरिष्ठ भाजपा नेता मूलचंद माहेश्वरी ने कहा कि कांग्रेस विकास नहीं विनाश चाहती है। वे शेर तो हम सवा शेर है। वे एक जूता मारेंगे तो हम 10 मारेंगे। उन्होंने कांगे्रस को चेतावनी दी कि सुधर जाइए। ऐसा करोगे तो इसके परिणाम भी भुगतना पड़ेंगे। भाजपा जिलाध्यक्ष राकेशसिंह जादौन ने कांगे्रस नेता सिंह पर कई तरह के आरोप लगाए और भोपाल गैस कांड व तंदूर कांड का उल्लेख किया।
उन्होंने कहा कि इस हरकत का बदला हम जिले में सभी पांचों सीटों पर जीत दर्ज करा कर दें। वहीं उपेंद्र धाकड़ ने कहा कि यह लड़ाई विचारधारा व विकास की है। विकास से जनता का ध्यान बटाने के लिए इस तरह के कार्य किए जा रहे, लेकिन इस तरह की घटनाएं दोहराई गई तो जबाव भी उन्हीं के तरीकों से दिया जाएगा।
नपाध्यक्ष मुकेश टंडन ने ईंट का जबाव पत्थर से देने की बात कही। कुरवाई विधायक वीरसिंह पवार ने इस घटना की निंदा करते हुए इसे मुख्यमंत्री के विकास कार्यों व उनकी योजनाओ को लेकर अजयसिंह व कांगे्रस की बौखलाहट बताया।
भाजपा नेता सुखप्रीत कौर, ज्योतिशाह, उमा जाट, पूर्व विधायक हरिसिंह रघुवंशी, हरिसिंह सप्रे, बृजमोहन माहेश्वरी, मोहरसिंह ठाकुर, राजकुमार राय आदि ने संबोधित किया। धरना आंदोलन में श्यामसुंदर शर्मा, विजय जैन, मंजरी जैन, सुमन सोनी, पदम सिंह भदौरिया, रुद्रप्रताप सिंह, रामपाल सिंह राजपूत आदि मौजूद रहे। संचालन भाजपा नेता अरविंद श्रीवास्तव ने किया।
कलेक्टे्रट पहुंचकर सौंपा ज्ञापन
माधवगंज से धरना आंदोलन के बाद भाजपा नेता व कार्यकर्ता रैली के रूप में ुमुख्यमार्ग से होते हुए कलेक्टे्रट पहुंचे और राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न होने एवं इस तरह का कृत्य करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई है।
धरना स्थल के सामने लगे एससीएसटी एक्ट वापस लेने के नारे
वहीं माधवगंज पर भाजपा के धरना आंदोलन के समीप अनेक लोग एकत्रित हो गए। यह सभी आक्रोशित लोग एससीएसटी कानून वापस लो के नारे लगा रहे थे। इन्हें नारेबाजी करते देख भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी शिवराजसिंह जिंदाबाद, आंधी नहीं तूफान है, शिवराजसिंह चौहान है के नारे लगाना शुरू कर दिए। एससीएसटी एक्ट के विरोध में आए इन लोगों को वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने यहां से वापस कर दिया।