जंगल की हरियाली खतरे में…
मालूम हो कि जिम्मेदार अधिकारियों की अनदेखी के चलते प्रतिबंधित लकड़ी की जोरों से जंगलों से कटाई के साथ ही चिराई का काम किया जा रहा है। इस कारण जंगल की हरियाली खतरे में पड़ रही है और हरेभरे दिखने वाले जंगल दिनोंदिन बंजर भूमि में नजर आने लगे हैं।
ध्यान ही नहीं देते अधिकारी…
वन विभाग के अधिकारियों का आलम यह है कि वे जंगलों में चल रही अवैध कटाई की ओर ध्यान ही नहीं देते हैं। इस कारण जंगलों में अवैध कटाई करने वालों के हौसले बुलंद हैं और वे बेधड़क होकर जंगलों का सफाया करने में लगे हुए हैं।
दिन में भी कटाई जारी…
पहले तो रात के अंधेरे में जंगलों के सफाये और लकड़ी की कटाई, चिराई का काम किया जाता था, लेकिन अब वन माफियाओं के आलम यह हैं कि जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते वे अब दिन भी आरा मशीन सहित अन्य स्थानों पर खुले में प्रतिबंधित लकड़ी की चिराई का काम तेजी से करने लगे हैं। कई कीमती पेड़ों की कटाई कर इनकी लकड़ी को चीरने का काम धड़ल्ले से किया जा रहा है।
सागौन की भी कटाई जारी….
जंगलों में पेड़ों की अवैध कटाई में सबसे ज्यादा सागौन के पेड़ों को काटने का काम किया जा रहा है। क्योंकि सागौन की लकड़ी सबसे ज्यादा महंगी बिकती है और फर्नीचर के हिसाब से सबसे मजबूत मानी जाती है।
सागौन की लकड़ी को काटकर धड़ल्ले से अवैध तरीके से बेचने का काम किया जा रहा है। सागौन के साथ ही पीपल, नीम आदि वृक्षों की कटाई का काम भी खूब किया जा रहा है।
मिलीभगत का आरोप…
शहर के प्रबुद्ध नागरिकों का कहना है कि जंगलों से पेड़ों को काटने के साथ ही खुले में उनकी चिराई आदि का काम बगैर वन विभाग की जानकारी के नहीं हो सकता। इससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि वनविभाग अमले की मिलीभगत से जंगलों से पेड़ों के काटने का काम किया जा रहा है।
वन विभाग के अधिकारियों की अनदेखी के कारण प्रतिबंधित लकड़ी काटने का काम क्षेत्र में किया जा रहा है। इस कारण वृक्ष नष्ट होते जा रहा हैं। जिम्मेदारों को इस ओर ध्यान देकर पेड़ों को काटने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना चाहिए।
-यतेंद्र पांडे, पर्यावरण प्रेमी, सिरोंज
यदि जंगलों में अवैध कटाई की जा रही है, तो जांच करवाएंगे और इनके खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाएगी।
-पंकज सिंह, एसडीओ, वन विभाग, सिरोंज