‘एक्सपायरी डेट का इंजेक्शन लगाया, रिएक्शन फैला’
विदिशा जिले के ग्यारसपुर के लोहर्रा गांव के रहने वाले मनोज सेन ने पत्नी मिथलेश को प्रसव पीड़ा होने पर विदिशा जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां 24 अगस्त को मिथलेश ने एक स्वस्थ्य बच्चे को जन्म दिया। पूरा परिवार बच्चे के जन्म से खुश था लेकिन उनकी खुशी उस वक्त चिंता और गम में तब्दील हो गई जब नवजात बच्चे का दांया हाथ काला पड़ गया। बच्चे के पिता मनोज सेन का आरोप है कि बच्चे के जन्म के बाद अस्पताल में उसे एक इंजेक्शन लगाया गया था और उसके बाद बच्चे को तेज बुखार आया था। बच्चे को अस्पताल स्टाफ ने आईसीयू में भर्ती कर दिया। पिता मनोज सेन ने आरोप लगाते हुए कहा है कि अस्पताल के आईसीयू में भर्ती बच्चे से 5-6 दिन तक किसी भी परिजन को मिलने नहीं दिया और एक दिन बच्चे के भोपाल के कमला नेहरू अस्पताल में रेफर करने की जानकारी दी।
डॉक्टर्स कह रहे हाथ काटने की बात- पिता
बच्चे को भोपाल रेफर किए जाने की जानकारी लगते ही पिता मनोज और परिजन भोपाल पहुंचे जहां कमला नेहरू अस्पताल के डॉक्टर्स से बातचीत करने पर उन्हें बताया गया कि इंफेक्शन काफी फैल चुका है और बच्चे का हाथ काटना पड़ सकता है। बच्चे का हाथ काटे जाने की बात सुनने के बाद से परिजन परेशान हैं और उन्होंने विदिशा विधायक शशांक भार्गव से मदद की गुहार लगाते हुए लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई की मांग की है। विधायक शशांक भार्गव ने स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर बच्चे का इलाज करवाने की बात कही है साथ ही लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर्स पर भी कार्रवाई की मांग करते हुए एक लेटर कलेक्टर को लिखा है।