कई घरों को छूकर जा रही नदी
नदी का कटाव- बढ़ते स्थिति यह हो गई है कि नदी किनारे के कई घरों को टच करते हुए नदी बह रही है और घरों की दीवार सीलन भरी हो गई हैं। ऐसे में यह मकान कभी भी भरभराकर गिर सकते हैं। बड़े हादसे के डर से ऐसे घरों के लोग अपने-अपने घर छोड़कर अन्यत्र रहने को मजबूर हो गए हैं। गांव के संतोष सिंह ने बताया कि उनके घर को छूते हुए जब नदी बहने लगी, तो उन्होंने दूसरी जगह मकान बनाया और वहां जाकर रहने लगे। यही स्थिति गांव के कई लोगों के साथ बन रही है।
पहले गांव से 50 फीट से अधिक दूर थी नदी
गांव के बुजुर्ग और रिटायर ब्लॉक अधिकारी हरिहर सिंह चौहान ने बताया की पहले यह नदी गांव से करीब 50 फीट से भी अधिक दूरी पर थी। लेकिन हर साल बढ़ते नदी के किनारों के कटाव के कारण यह नदी अब गांव के बहुत करीब आ गई है। उन्होंने बताया कि इसके किनारे की ऊंचाई गांव की ओर है। जिससे मिट्टी हर साल बारिश में गिरने से यह लगातार गांव की तरफ बढ़ती जा रही है। इसके किनारों के पेड़ भी लगभग सभी गिर गए हैं।
गिरने लगेंगे मकान
ग्रामीणों ने बताया कि गांव के किनारों के कुछ घरों से सटकर नदी बहने लगी है, लेकिन धीरे-धीरे यदि नदी गांव के भीतर आने लगी तो जल्द ही गांव के अधिकांश मकान भरभराकर गिरने लगेंगे और ऐसे में पूरा गांव एक-दो वर्ष में ही जलमग्न होने से कोई नहीं रोक पाएगा। वहीं विरेन्द्र सिंह, संतोष सिंह, दौलत सिंह आदि कई ग्रामीणों के मकान तो नदी किनारे पर ही स्थित हैं। जो कभी भी गिर सकते हैं।
शिकायतों के बाद भी निराकरण नहीं
गांव के कई लोग प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों से तक शिकायत कर चुके हैं, लेकिन नदी के बढ़ते कटाव को रोकने की दिशा में किसी ने कदम नहीं उठाया और भयावह नतीजा अब लोगों के सामने है और अभी भी प्रशासन नहीं चेता तो गंभीर परिणाम ग्रामीणों को भुगतने पड़ेंगे। जिसका जिम्मेदार सिर्फ प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधि होंगे। गांव के धर्मेंद्र सेंगर ने बताया की हम इसके कटाव की सूचना पहले प्रशासन को दे चुके हैं। तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज्य को भी विदिशा जाकर आवेदन दिया था। लेकिन समस्या के निराकरण की ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया।
नदी के कटाव को करना है सीधा
ग्रामीणों का कहना है कि नदी का बहाव सीधा नहीं होकर धीरे-धीरे बढ़ते कटाव के कारण मुड़ गया है। यदि इसके बहाव को दोबारा सीधा करने की दिशा में काम किया जाए, तो गांव को डूबने से बचाया जा सकता है।
इनका कहना है
ग्राम उलाखेड़ी पर सिंध नदी का कटाव हर वर्ष होने से यह अब गांव के कई मकानों से सटकर नदी बह रही है। धीरे-धीरे कर पूरा गांव की इसकी चपेट में आता जा रहा है। गांव की आबादी ४०० से अधिक है।
– प्रकाश अहिरवार, सरपंच
मुझे जानकारी में तो आया है कि नदी के किनारों के कटाव से ऊलाखेड़ी गांव के करीब नदी पहुंच गई है। नदी के कटाव को कैसे रोका जाए इस दिशा में काम करूंगा। जिससे कि गांव की तरफ नदी नहीं बढ़ सके।
– शैलेंद्र सिंह, एसडीएम
मैंने मौके पर जाकर देखा है। ग्रामवासियों ने नदी को लगातार गांव की ओर हर वर्ष बढऩे के विषय मे कहा था। मैं स्थानीय पंचायत स्तर पर या जरूरत लगी तो अपनी निधि से किनारों के कटाव को कैसे रोका जाए। इस संबंध में इंजीनियर से बात करुंगा।
– उमाकांत शर्मा, विधायक, सिरोंज