गलियों में घरों की आग बुझाने लगाना पड़ती है जुगाड़, तब तक जल जाता घर
सात वर्ष से नपा के पास नहीं है छोटी फायर ब्रिगेड
विदिशा
Published: May 04, 2022 11:08:09 pm
विदिशा। शहर में आग की घटनाओं को नगरपालिका गंभीरता से नहीं ले रही है। हालत यह कि शहर की बड़ी आबादी सकरी सड़कों व गलियों में निवासी करती है, लेकिन आग के दौरान इन गलियों में पहुंचने वाली छोटी फायर ब्रिगेड पिछले आठ वर्ष से नपा के पास नहीं है। ऐसे में इस तरह की घटनाओं के दौरान फायर कर्मचारियों को कई तरह की जुगाड़ करना पड़ती है और तब तक घर में लगी आग में सभी कुछ जल कर राख हो जाता है।मालूम हो कि नपा के पास चालू हालत में पांच बड़ी फायर फायर ब्रिगेड है। इनमें तीन फायर ब्रिगेड ही सड़कों पर दौड़ रही जबकि दो सुधरने गई हुई है। एक क्विक वाहन है जिसका उपयोग आंदोलन प्रदर्शन के दौरान पुतले की आग बुुझाने में ज्यादा होता है। ऐसे में सभी फायर ब्रिगेड बड़ी होने से शहर की सकरी सड़कों व गलियों के रहवासी आग की घटनाओं के दौरान ज्यादा सुरक्षित नहीं हैं। ऐसे क्षेत्रों में करीब आधा दर्जन वार्ड माने जाते हैं। इनमें वार्ड 9, 13, 14, 15, 16, 17, ऐसे हैं जो घनी आबादी वाले भी हैं और इनमें सकरी गलियां व सड़कें है। इन क्षेत्र के रहवासियों के मुताबिक ऐसी गलियों में बड़ जैन मंदिर क्षेत्र, चौबेजी मंदिर वाली गली, पीतलिया गली, मुगलटोला क्षेत्र, जयस्तंभ से खाई रोड की गलियां, तोपपुरा, बालाजी मंदिर क्षेत्र आदि शहर के पुराने रहवासी क्षेत्र हैं और इनमें शहर की बड़ी आबादी निवास करती हैं, लेकिन आग की घटना के दौरान नगरपालिका की फायर ब्रिगेड व्यवस्था असहाय साबित होती है। सात वर्ष में नपा नहीं ले पाई छोटी फायर ब्रिगेड मिली जानकारी के मुताबिक पूर्व में नपा के पास छोटी फायर ब्रिगेड उपलब्ध थी जो वर्ष 2015 तक सेवा में रही। सकरी सड़कों पर यह फायर ब्रिगेड आसानी से घटना स्थल पर पहुंच जाती थी, लेकिन 7 वर्ष गुजरने के बाद भी इस इमरजेंसी सेवा की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जबकि पूर्व परिषद में छोटी फायर ब्रिगेड की खरीदी के लिए परिषद की बैठक में प्रस्ताव भी पास किया जा चुका था। नपा के अधिकारी भी समय-समय पर इस सुविधा के लिए आश्वस्त करते आए हैं पर अब तक इस जरूरत की पूर्ति नहीं हो पाई है। --------------------- छोटी फायर ब्रिगेड के लिए पूर्व में शासन को प्रस्ताव भेजे गए थे इसके लिए दोबारा प्रस्ताव भेजा जाएगा। शहरी क्षेत्र से बाहर की आग बुझाने की राशि भी प्रशासन से मिलना शेष है। अगर यह राशि शीघ्र मिल पाई तो इस राशि से छोटी फायर ब्रगेड खरीदने के प्रयास किए जाएंगे। -नरेंद्र तिवारी, प्रभारी, स्वास्थ्य शाखा ----------- घटना-एक बीती शाम रीटा फाटक -बजरिया के बीच एक गली में एक मकान में लगी आग के दौरान ऐसी ही स्थति बनी। जिस घर में आग लगी उस घर के आसपास अन्य कच्चे घर भी थे। सकरी सड़के बाद एक गली में यह घर होने से बड़ी फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंचना संभव नहीं हो सका। फलस्वरूप समीप की चौड़ी सड़क पर फायर ब्रिगेड पहुंचकर रुक गई और करीब 300 फीट लंबी नली के सहारे घटना स्थल तक पानी ले जाना पड़ा। हालांकि तब तक आसपास के लोग अपने स्तर पर आग बुझाने का प्रयास करते रहे पर तब तक यह कच्चा घर जल गया। आसपास के लोगों के मुताबिक यह मकान मजदूर दुर्गेश चिड़ार का है वह अकेला ही यहां रहता है। घटना के दौरान वह घर पर नहीं था और रात में यह घटना होती तो काफी मुश्किल हो जाती। कई घर आग की चपेट में आ सकते थे। घटना-2 इसी तरह करीब छह माह पूर्व नंदवाना क्षेत्र में भी एक घर में इसी तरह आग लग गई थी और बड़ी फायर ब्रिगेड सकरी सड़कों के कारण मौके पर नहीं पहु्च पाई थी और फायर ब्रिगेड को मौके से काफी दूर रोकना पड़ा। कर्मचारियों व स्थानीय नागरिकों ने अपने स्तर पर प्रयास कर इस आग को नियंत्रित किया था। घटना-3 करीब दो वर्ष पूर्व कुम्हार गली बाल्मीकि मौहल्ले में एक घर की छत पर बने दो कमरों में आग लगने की घटना हुई थी। यह घटना रात में हुुई जहां बड़ी फायर को सड़कों के मोड़ और घटना स्थल तक ले जाना मुश्किल बना रहा। इस दौरान बड़ी फायर ब्रिगेड को दूर ही खड़ी कर क्विक वाहन को इस घर तक पहुंचाया गया और बड़ी फायर ब्रिगेड का पाइप क्विक वाहन में डालकर आग बुझाने की जुगाड़ की। यह घनी बस्ती थी इसलिए लोगों ने अपने-अपने बोर चालू कर आग बुझाने में सहयोग किया। इस आग में पूरा घर गृहस्थी का सामान जेवर आदि सभी कुछ जल गया था। Bhupendra Malviya, इंतजार और भटकाव में उलझा किसानों का भुगतान जनधन व पोस्ट ऑफिस के खातों में भी पहुंच रही गेहूं खरीदी की राशि खातों में भी पहुंचा दी गेहूं खरीदी की राशि विदिशा। किसानों की आफत कम नहीं हो रही है। पूर्व में समर्थन मूल्य पर अनाज बेचने के लिए पंजीयन, स्लाट बुक एवं खाता लिंक कराने आदि कार्य के लिए परेशान हुआ तो वहीं अब गेहूं बेच चुके किसान राशि का भुगतान पाने के लिए इंतजार और भटकाव में उलझा हुआ है। किसानों का कहना है कि तय समयावधि में गेहूं विक्रय की राशि नहीं मिल पा रही जिन्हें लेट लतीफ राशि मिल भी रही तो उनमें कई किसानों को पोस्ट ऑफिस एवं जनधन के खातों में राशि का भुगतान कर दिया गया। इससे उन्हें राशि निकालने में समस्या आ रही है। ग्राम सांकलखेड़ा खुर्द के किसान भूपेंद्र रघुवंशी ने बताया कि सांकलखेड़ा एवं सांकलखेड़ा खुर्द सोसायटी से जुड़े कई किसानों का भुगतान जनधन योजना के खातों एवं पोस्ट ऑफिस के खातों में पहुंचाया गया है। इससे किसान इन खातों से एक बार में 10 हजार की राशि ही निकाल पा रहे हैं। यहां ग्राम दासखजूरी के किसान दीवानसिंह की राशि का भुगतान जनधन योजना के खाते में पहुंचा वहीं भवानी सिंह की राशि पोस्ट ऑफिस में पहुंचा दी गई। इसी तरह इसी तरह गंगाराम प्रजापति व सुरेंद्र रघुवंशी आदि कई किसान इस समस्या से परेशान है। उन्होंने बताया कि यह समय विवाह आयोजनों का है। किसानों को पैसे की जरूरतें हैं और उनका लाखों रुपए इस तरह के खातों में पहुंचाने से किसान एक मुश्त राशि नहीं निकाल पा रहे और वे बैंकों में भटक रहे हैं, जबकि कई किसानों का अभी भुगतान अटका हुआ है। सहकारी बैंकों में किया जाए भुगतान इधर किसान नेता लाखनसिंह मीणा ने कहा कि जिन किसानों को भुगतान हुआ वे आसानी से आवश्यकता अनुसार राशि न निकाल पाने से परेशान हैं और जिन्हें भुगतान नहीं हुआ वे भी परेशान हो रहे हैं। उन्होंने शासन से मांग की है कि किसानों को समर्थन मूल्य खरीदी का भुगतान पूर्व की तरह सहकारी बैंकों में किया जाए, क्योंकि इन बैंकों में सौ प्रतिशत किसानों के खाते हैं। इससे किसानों का भटकाव व इंतजार की िस्थति समाप्त हो सकती है, लेकिन ऐसा न कर किसानों को जबरिया परेशान किया जा रहा है। वर्जन पैसा हितग्राही के खाते में ही जा रहा है। इसमें कोई गड़बड़ी नहीं है। आधार से जो खाता अंतिम लिंक हुआ उसमें राशि पहुंच रही है। -विनयप्रकाश सिंह, सीईओ, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक

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