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JUNGLE WAR- आमने-सामने आए भील-ग्रामीण, बड़ी घटना टली

locationविदिशाPublished: Aug 08, 2020 06:28:17 pm

Submitted by:

Shailendra Sharma

जंगल पर कब्जे को लेकर दो सौ से ज्यादा भील और ग्रामीण आमने सामने, गोफन से बरसे पत्थर, वक्त रहते वन अमले और पुलिस ने रोका टकराव..

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विदिशा. विदिशा जिले के लटेरी की देहरी पामा बीट के ग्राम सेना में जंगल पर कब्जे को लेकर शनिवार को बड़ी भिड़ंतो होते होते टल गई। जंगल पर कब्जे को लेकर भील और ग्रामीण सैकड़ों की संख्या में आमने-सामने आ गए थे लेकिन वक्त रहते वन विभाग और पुलिस का अमला मौके पर पहुंच गया नहीं तो बड़ी घटना घटित हो सकती थी। ग्रामीणों का आरोप है कि भील जंगल को काटकर खेत बनाना चाहते हैं। भीलों ने ग्रामीणों पर गोफान से पत्थर भी बरसाए।
भीलों ने गोफान से बरसाए पत्थर-ग्रामीणों
ग्रामीणों का आरोप है कि भील जंगल काटकर खेत बनाना चाहते हैं, जबकि ग्रामीण उन्हें यह कहकर रोकते हैं कि यह वनभूमि है और हमारे मवेशी यहां चरने आते हैं और आज जब ये बातचीत हो रही थी तभी भीलों ने गोफन से पत्थर बरसा दिए जैसे तैसे ग्रामीणों ने पहले तो अपनी जान बचाई और बाद में ग्रामीण भी हाथों में पत्थर और लाठी लेकर जमा होने लगे। इसी बीच पुलिस और वन अमले को जंगल में जंग की तैयारी की खबर लग गई और बिना वक्त गंवाए पर्याप्त पुलिस बल और वन विभाग का अमला अधिकारियों के नेतृत्व में मौके पर पहुंचा तो देखा कि घाटियों पर करीब 200-250 लोगों का जमावड़ा था। भीलों की ओर से महिलाएं भी समूह में शामिल थीं। ग्रामीणों का कहना था कि यहां हमारे मवेशी चरने आते हैं, लकड़ी चोर जबरिया चार-पांच दिन से सौ-डेढ़ सौ पेड़ काटकर खेत बना रहे हैं। इसकी सूचना वन विभाग को देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है इससे लकड़ी चोरों के हौसले बुलंद हो रहे हैं। वहीं भीलों का कहना था कि कई दशक से हम लोग जंगल में ही रह रहे हैं, वन भूमि पर हमारा अधिकार है।
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पत्रिका ने छापी भी जंगल कटाई की खबर
बता दें कि बीते दिनों ग्रामीणों ने जंगल कटाई करने वाले भीलों का वीडियो बनाकर वायरल भी किया था जिसके आधार पर पत्रिका ने भी सात अगस्त को इसक घटना की खबर कुल्हाड़ी लेकर जंगल साफ करने के लिए घूमता है सौ लोगों का झुंड…शीर्षक से प्रकाशित की थी। इसके बाद शनिवार की सुबह करीब 8 बजे सेना के ग्रामीणों और भीलों के समूह आमने-सामने आ गए। मौके पर पहुंचे रेंजर बीएल समर और थाना प्रभारी नितिन पटेल ने दोनों पक्षों के प्रतिनिधि मंडल को बुलाकर समझाइश दी और उन्हें बताया कि यह जमीन सरकारी है। आप लिखित में ज्ञापन दे दें, हम कलेक्टर तक आपकी बात पहुंचा देंगे, जो निर्देश होंगे उससे आपको अवगत करा दिया जाएगा। लेकिन तब तक यहां किसी भी तरह से कटाई नहीं की जाएगी। अधिकारियों की समझाइश के बाद दोनों पक्ष वापस हो गए।

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