scriptनहीं बन सक अब तक कांदई नदी का पुल, बारिश में फिर सदगुर नगर अस्पताल सहित कई गांवों से टूटेगा संपर्क | Kandai river bridge could not be built yet, rain will break contact with many villages including Sadgur Nagar Hospital | Patrika News

नहीं बन सक अब तक कांदई नदी का पुल, बारिश में फिर सदगुर नगर अस्पताल सहित कई गांवों से टूटेगा संपर्क

locationविदिशाPublished: May 25, 2020 07:06:43 pm

Submitted by:

Anil kumar soni

विगत वर्ष बारिश में खस्ताहाल हो गया था यह पुल

आनंदपुर। इस तरह खस्ताहाल पुल पर मिट्टी डालकर चला रहे थे काम।

आनंदपुर। इस तरह खस्ताहाल पुल पर मिट्टी डालकर चला रहे थे काम।

आनंदपुर। सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट के पास स्थित कांदई नदी का पुल पिछले साल बारिश में खस्ताहाल हो गया था। जिससे अस्पताल, बैंक सहित आसपास के कई गांवों का रास्ता बंद हो गया था। उस पर मिट्टी डालकर काम चलाया जा रहा था और एक-एक वाहन बमुश्किल इस पर से निकल रहे थे। लेकिन कुछ दिनों बाद फिर मानसून आने वाला है और अब तक इस पुल का निर्माण नहीं हो सका। इस कारण बारिश शुरु होते ही पुल की मिट्टी पूरी बह जाएगी और जिससे वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बंद हो जाएगी और कई गांव के नागरिक परेशान होंगे।
सदगुरु नगर अस्पताल में आंखों ऑपरेशन के साथ ही उपचार करवाने प्रदेशभर से मरीज आते हैं। इसमें अस्पताल की २५ से अधिक निजी वाहनों के अतिरिक्त निजी साधनों से भी लोग अस्पताल इस खस्ताहाल पुल से ही आते हैं। जिससे हादसे का खतरा हमेशा मंडराता रहता है। खेरखेड़ी सरपंच जितेंद जादौन ने बताया की उनका गांव लालाटोरा इसी नदी के पुल के किनारे है। इस पुल के नहीं बनने से ग्रामीण बारिश में गांव में ही कैद होकर रह जाएंगे। बारिश में पुल खस्ताहाल जो जाने के बाद इसके ऊपर मिट्टी डालकर इसको काम चलाऊ बना दिया था जब से इसी पर से वाहन आदि निकल रहीं हैं। इस पर से कोई एक ही वाहन एक बार में निकल सकता है। अगर बारिश हो गई तो मिट्टी डले इस पुल से निकलना नहीं हो पाएगा। मरीज अस्पताल भी नहीं आ पाएंगे।
मालूम हो कि सेंट्रल बैंक की शाखा भी सदगुरु परिसर में होने से जो खाताधारकों के साथ ही किसान आदि सभी को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। वहीं गुना-आरोन के लिये भी बसें इसी पुल से होकर निकलतीं हैं। पुल नहीं बनने से बारिश में आवागमन पूरी तरह से बन्द हो जाएगा।
चार रुपए प्रतिदिन की मजदूरी पर बनवाया था पुल
खेरखेड़ी पठार के मूलचंद अहिरवार ने बताया कि जब यह पुल बना था उस समय इस पर चार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी उन्होंने की थी। उस समय दिनभर में दो ट्रक बसीरगढ़ लटेरी के आगे से पत्थर भरकर लाते थे। यह पुल 1980-81 में संस्था की शुरुआत के साथ ही संस्था ने अपने निजी खर्च से बनवाया था। गत वर्ष अधिक बारिश से यह पुल बह गया। जनरल वार्ड प्रभारी डॉ. सुरेंद्र उपाध्याय ने बताया कि हमने इस पुल के नए निर्माण के लिए सरकार प्रशासन को बता दिया है।

इनका कहना है
दो बार इस पुल के निर्माण के लिए 70 लाख रुपए का इस्टीमेट बनाकर भेजा जा चुका है, लेकिन अभी तक मंजूरी नहीं मिली, जैसे ही शासन से पुल के लिए मंजूरी प्राप्त होगी, इसके तुरंत बाद पुल निर्माण का कार्य शुरु किया जाएगा।
– योगेंद्र सिंह, ईई, लोनिवि
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