जीएनएम नर्सिंग हॉस्टल की करीब २० प्रशिक्षणार्थियों ने बताया कि वे अलग-अलग जिलों से यहां प्रशिक्षण के लिए आईं हैं। १ जुलाई से शुरू होकर उनका प्रशिक्षण ३१ दिसम्बर तक चलेगा। इस प्रशिक्षण में उन्हें कम्यूनिटी ब्रिज कोर्स का प्रशिक्षण दिया जाएगा, इसके बाद वे प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर कम्यूनिटी हैल्थ ऑफीसर के रूप में पदस्थ होंगी। इनमें से कई नर्सों की सरकारी सेवा ३ से १० वर्ष तक हो चुकी है। नर्सों ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान उन्हें खाना देने से मना कर दिया गया है, जबकि हर प्रशिक्षणार्थी के लिए रहने और खाने के इंतजाम के लिए हर माह १० हजार रूपए का बजट है। नर्सों की मानें तो ब्रिज कोर्स प्रभारी शारदा नागवंशी ने उन्हें बजट खत्म होने के कारण खाना न मिलने की बात कही है।
नर्सों की शिकायत है कि उन्हें हॉस्टल में पलंग और गद्दे तक नहीं दिए गए। कीड़े-बिच्छू निकल रहे हैं, चार नर्सों को कीड़ों ने काट लिया है, उन्हें इन्फेक्शन हो रहा है। हॉस्टल में कोई वार्डन तक नहीं है। इस पर अपनी बात कहने पर हमें धमकाया जा रहा है। इस दौरान मीनाक्षी, शीला, योगिता, गोमती, रेशमा शर्मा, चित्रा, श्रद्धा तिवारी, आरती, संगीता पटेल, हेमलता उइके, दीपा, निशा, विनीता, प्रेम, रेणु और ज्योति चौधरी आदि २ बजे के बाद तक भूखी बैठी रहीं।
ब्रिज कोर्स प्रभारी शारदा नागवंशी का कहना है कि हर नर्स के रहने और खाने का बजट १० हजार रूपए है, लेकिन बजट आया नहीं तो हम क्या करें। मैंने पहले ही वरिष्ठ कार्यालय को मेल भेज दिया था कि यहां प्रशिक्षण संबंधी कोई इंतजाम नहीं हैं।