मजिस्ट्रेट चेकिंग की खबर सारे आटो चालकों में तेजी से फैल गई और आटो चालकों ने या तो रास्ते बदलकर गलियों की राह पकड़ ली, या फिर बच्चों को लेकर ही नहीं आए। जब बच्चों के पालकों ने ऑटो चालकों को फोन लगाना शुरू किए तो किसी ने उन्हें मजिस्ट्रेट चेकिंग तो किसी ने ऑटो चालकों की हड़ताल के बारे में बताकर अपने बच्चों को खुद ही स्कूल छोड़ आने को कहा। दुर्गानगर चौराहे पर सब इंस्पेक्टर वीरेन्द्र सेन ने न्यायाधीशों की उपस्थिति में वाहनों के चालान किए।
न्यायाधीशों ने बताया कि बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर उच्च न्यायालय के निर्देशों के पालन में यह चेकिंग की जा रही है। अधिक संख्या में बच्चों को बैठाना और अनफिट वाहनों सहित बिना दस्तावेजों के वाहन चलाना अपराध है। बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है। पालकों को भी इस ओर ध्यान देना होगा कि उनके बच्चे सुरक्षित वाहन में जा रहे हैं अथवा नहीं।