शव मिलने की खबर से पूरे नगर में सनसनी फैल गई। आईएफसल की टीम द्वारा शव का बारीकी से निरीक्षण किया गया और पाया गया कि शव के गले मे धारदार हथियार का गहरा घाव था। तब पुलिस द्वारा मामले में आईपीसी की धारा 302 और 201 का इजाफा किया गया।
पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार मृतिका के आरोपी से प्रेम संबंध थे और दोनों आपस मे बात करते थे। परिजनों द्वारा लडक़ी की सगाई ग्राम चिरचिटा निवासी युवक से की गई थी। लडक़ी इस सगाई के पक्ष में नहीं थी, उसका प्रेम प्रसंग नाले के पास के ईट भट्टे के मालिक संतोष प्रजापति पुत्र बाबूलाल प्रजापति से चल रहा था। मृतिका संतोष से ही शादी करना चाहती थी। जिसके लिये संतोष पर भाग कर शादी करने का दबाव बना रही थी। जबकि सन्तोष इसके लिए राजी नहीं था।
इस बात से परेशान होकर संतोष ने घटना वाली रात लडक़ी को ईट भट्टे पर बुलाया। वहीं उसके गले में डले दुपट्टे से उसका गला कस दिया। जिससे वह बेहोश हो गई। फिर लडक़ी को नाले के किनारे ले जाकर गले पर कुल्हाड़ी से वार किया। छिपाने के लिए शव को नाले में फेक दिया। प्रकरण की विवेचना करते हुए पुलिस ने संतोष प्रजापति को गिरफ्तार किया। हत्या में उपयोग की गई कुल्हाड़ी को बरामद कर आरोपी को न्यायालय पेश कर जेल भेज दिया गया है।
दो थानों की मदद से हुआ खुलासा
जिस दिन से मृतिका का शव मिला था उसी दिन से पुलिस द्वारा मामले को गंभीरता से लिया गया। घटना स्थल का निरीक्षण करने एसपी के साथ एसडीओपी आए। वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में उदयपुरा टीआई मनोज दुबे और बम्होरी थाना प्रभारी नरेंद्र परिहार को जांच की जिम्मेदारी सौपी गई। इन दोनों अधिकारियों का जांच में अहम योगदान रहा। जिसमें पुलिस ने टीम बनाकर काम किया। जिसमें टीआई मनोज दुबे के साथ बम्होरी थाना प्रभारी नरेंद्र परिहार, एएसआई राकेश सिंह, आरक्षक श्याम रघु, नारायण भार्गव, हरनाम सिंह, सैनिक महेश बैरागी का अहम योगदान रहा।
पुलिस के साथ करता रहा तलाश
आरोपी परिजनों के साथ मिलकर पुलिस को जांच में भटका रहा था। आरोपी संतोष प्रजापति का मृतिका से प्रेम प्रसंग तो था ही साथ ही उसका ईट भट्टा मृतिका के घर के पास होने के कारण उसने परिजनों से भी पारिवारिक संबंध बना लिए थे। पूरी जांच के दौरान आरोपी परिजनों के साथ थाने आता जाता रहा और लगातार जांच भटकाने की कोशिश करता रहा।
साइबर सेल की ली मदद
इस 20 दिन पुराने हत्याकांड में पुलिस ने कई पहलुओं की जांच की। पुलिस ने साइबर सेल की मदद ली और काल डिटेल को जब खंगाला गया तब पता चला कि आरोपी और मृतिका के बीच घटना की रात को आखिर समय तक मोबाइल से बात की गई है। इसी आधार पर उसे पकडक़र पूछताछ की जिसमें उसने अपना जुर्म कुबूल कर लिया।