इस मामले में थे जेल मे बंद
मध्य प्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले के मुख्य आरोपियों में से एक पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा सेन्ट्रल जेल में बद थे। लगभग डेढ़ वर्ष तक जेल मे रहने के बाद उन्हें जबलपुर उच्च न्यायालय ने आरक्षक भर्ती घोटाले में जमानत दे दी थी, जिसके बाद भोपाल जिला अदालत ने रिहाई के आदेश जारी कर दिए थे।
16 जून, 2014 को गिरफ्तार किया था।
प्रदेश के बहुचर्चित व्यापमं घोटाले में पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा को सात मामलों में आरोपी बनाया गया था और उन्हें एसटीएफ ने 16 जून, 2014 को गिरफ्तार किया था। तभी से वह भोपाल की केंद्रीय जेल में बंद थे।
बीजेपी ने छीन ली थी सदस्यता
16 जून 2014 से जेल में थे. इस दौरान उन्हें बीजेपी ने सदस्यता से भी निष्कासित कर दिया था. पूर्व मंत्री शर्मा के खिलाफ सात मामले दर्ज थे, डाटा एंट्री ऑपरेटर भर्ती घोटाले, संविदा वर्ग दो व वर्ग तीन तथा खाद्य निरीक्षक घोटाला, परिवहन भर्ती घोटाले तथा वन रक्षक भर्ती घोटाला मामले में उन्हें जिला न्यायालय भोपाल से जमानत मिल गई थी.आरक्षक (कॉन्स्टेबल) भर्ती घोटाला मामला दर्ज होने के कारण वह न्यायिक हिरासत में थे. उक्त प्रकरण में भी शुक्रवार को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी।
सबसे घातक घोटाला है व्यापम, ले चुका है कई जानें
ज्ञात हो कि राज्य में इंजीनियरिंग कालेज, मेडिकल कॉलेज में दाखिले से लेकर विभिन्न विभाग की भर्तियों की परीक्षा व्यापम आयोजित करता है. इन दाखिलों और भर्तियों में हुई गड़बड़ी का खुलासा होने के बाद जुलाई 2013 में पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी.इस मामले की पहले एसटीएफ और फिर हाईकोर्ट के निर्देश पर एसआईटी ने जांच की।