नपाध्यक्ष की सुल्तानपुर निवासी 63 वर्षीय बड़ी बहन निर्मला सोनी ने बताया कि वे विदिशा में दो दिन पूर्व रिश्तेदारी में आई थी। वे टंडन के घर के पीछे ही रहने वाली उनके छोटी बहन सुमन शांडिल्य के घर रुकी थीं। सोमवार को वे सुबह करीब 11 बजे अपने भाई मुकेश टंडन के घर गई थीं और दोपहर करीब सवा बजे वे टंडन के घर से अपनी बहन के घर पैदल आ रहीं थीं। इस दौरान सुनसान रास्ते में खड़े दो युवकों ने अचानक उनके सामने आकर आंखों में स्प्रे किया, जिससे वे बेहोश हो गईं और करीब पांच मिनट बाद जब उनके मोबाइल की घंटी बजने पर होश आया, तो उनके गले से ढाई तौले सोने की चैन, साढ़े तीन तौले के दो सोने के कंगन और आधा तौला की दो सोने की अंगूठी युवक लेकर भाग चुके थे।
छोड़ गए नोटों जैसे कागज का बंडल
सु मन शांडिल्य ने बताया कि उनकी दीदी से दास्तां सुनकर उन्होंने तुरंत घटना की जानकारी मुकेश टंडन को दी, तो वे तत्काल पहुंच गए। लेकिन घटना स्थल पर कोई नहीं मिला। उनके अनुसार दोनों युवकों में एक की उम्र करीब 25 वर्ष तथा दूसरे की उम्र करीब 18 वर्ष होगी। वहीं घटना के बाद आरोपी वहां एक बैग छोड़ गए थे, जिसमें नोटों की गड्डी जैसे कागजों का एक बंडल था, जिसे खोलने पर सबसे ऊपर सिर्फ एक 20 का नोट था, शेष सभी कागज थे। वहीं चार मैटल के ब्रेसलेट उसमें रखे थे।
सु मन शांडिल्य ने बताया कि उनकी दीदी से दास्तां सुनकर उन्होंने तुरंत घटना की जानकारी मुकेश टंडन को दी, तो वे तत्काल पहुंच गए। लेकिन घटना स्थल पर कोई नहीं मिला। उनके अनुसार दोनों युवकों में एक की उम्र करीब 25 वर्ष तथा दूसरे की उम्र करीब 18 वर्ष होगी। वहीं घटना के बाद आरोपी वहां एक बैग छोड़ गए थे, जिसमें नोटों की गड्डी जैसे कागजों का एक बंडल था, जिसे खोलने पर सबसे ऊपर सिर्फ एक 20 का नोट था, शेष सभी कागज थे। वहीं चार मैटल के ब्रेसलेट उसमें रखे थे।
रोते हुए पहुंची घर
यह घटना शंकरनगर के मुख्य मार्ग पर हुई। सुमन शांडिल्य ने बताया कि उनकी दीदी को सोमवार को दोपहर दो बजे की बस से वापस सुल्तानपुर जाना था। जब वे सवा बजे तक भैया के घर से वापस नहीं आईं, तो उन्होंने उन्हें 1 बजकर 26 मिनट पर उन्हें मोबाइल पर कॉल किया, तो पूरी घंटी बजने के बावजूद उन्होंने फोन नहीं उठाया और कुछ ही समय में वे रोते हुए घर आईं, तो उनसे पूछने पर उन्होंने पूरा घटनाक्रम बताते हुए कहा कि मोबाइल की घंटी बजने पर ही उनकी बेहोशी टूटी। शांडिल्य ने बताया कि उनकी दीदी टंडन के घर से करीब 1 बजकर 13 मिनट पर निकलीं थीं और उनके घर तक का रास्ता महज तीन से चार मिनट का है। यानि तीन से चार मिनट के बीच वारदात हुई।
यह घटना शंकरनगर के मुख्य मार्ग पर हुई। सुमन शांडिल्य ने बताया कि उनकी दीदी को सोमवार को दोपहर दो बजे की बस से वापस सुल्तानपुर जाना था। जब वे सवा बजे तक भैया के घर से वापस नहीं आईं, तो उन्होंने उन्हें 1 बजकर 26 मिनट पर उन्हें मोबाइल पर कॉल किया, तो पूरी घंटी बजने के बावजूद उन्होंने फोन नहीं उठाया और कुछ ही समय में वे रोते हुए घर आईं, तो उनसे पूछने पर उन्होंने पूरा घटनाक्रम बताते हुए कहा कि मोबाइल की घंटी बजने पर ही उनकी बेहोशी टूटी। शांडिल्य ने बताया कि उनकी दीदी टंडन के घर से करीब 1 बजकर 13 मिनट पर निकलीं थीं और उनके घर तक का रास्ता महज तीन से चार मिनट का है। यानि तीन से चार मिनट के बीच वारदात हुई।
महिला के साथ लूट की वारदात करने वाले संभवत: भोपाल के ईरानी लड़के हैं। क्योंकि भोपाल में भी इस तरह की वारदात एक दिन पूर्व हुई थी। वहीं घटना स्थल के आसपास कोई सीसीटीवी कैमरे नहीं होने के कारण घटना की फुटेज नहीं मिल पा रही है। जल्द आरोपी पुलिस गिरफ्त में होंगे।
-आरएन शर्मा, टीआई, कोतवाली, विदिशा
-आरएन शर्मा, टीआई, कोतवाली, विदिशा