मरीजों को परेशान होना पड़ रहा है
मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण अस्पताल भवन छोटा पड़ रहा। गैलरियोंं में मरीजों का निकलना मुश्किल हो रहा। वहीं भर्ती मरीजों की संख्या भी अधिक होने से मेडिकल वार्ड में एक पलंग पर तीन से चार मरीज भर्ती करने की नौबत बन रही है। वहीं इस भीड़ के कारण मरीजों के साथ ही उनके परिजन व डॉक्टरों को भी उपचार कार्य में परेशान होना पड़ रहा है। इन स्थिति को देखते हुए अस्पताल भवन को शीघ्र शिफ्ट किए जाने के प्रयास तेजीइ से हो रहे हैं।
भवन हैंडओवर न होने से अटका मामला
जिला चिकित्सालय को नए अस्पताल भवन में शिफ्ट करने के लिए कलेक्टर कौशलेंद्र विक्र्रमसिंह ने करीब 12 दिन पूर्व बैठक के दौरान स्वास्थ्य अधिकारियों को जिला अस्पताल शिफ्ट करने के कार्य संपादित करने के निर्देश दिए थे, लेकिन अभी भवन हैंडओवर न होने से मामला अटका हुआ है। वहीं शिफ्ट करने संबंधी कोई लिखित आदेश भी न मिलने से अस्पताल प्रबंधन शिफ्टिंग कार्य में ज्यादा कुछ नहीं कर पाया है।
जरूरी सामान भी आना जारी
इधर नए भवन में आने लगे उपकरण वहीं नए अस्पताल भवन में सिआर्म मशीन आ चुकी। इस महत्वपूर्ण मशीन से मरीजों की हड्डी जोडऩे का कार्य बेहतर तरीके से हो सकेगा। वहीं अन्य मशीनें भी आ रही एवं फर्नीचर में नई आलमारियां व नई कुर्सियां भी नए अस्पताल व अन्य जरूरी सामान भी आना जारी है। अस्पताल निर्माण कार्य से जुड़े इंजीनियरों के अनुसार आगामी 15 दिन में भवन हैंडओवर किया जाना संभावित है।
अस्पताल शिफ्ट करने की हमारी पूरी तैयारी है। शासन के आदेश एवं भवन हैंडओवर होने का इंतजार है। आदेश मिलते ही शिफ्टिंग की कार्रवाई शीघ्रता से कर ली जाएगी।
डॉ. संजय खरे, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल