अपनी सोच को व्यापारिक नहीं व्यापक बनाइए-प्रमाणसागर
विदिशाPublished: Feb 25, 2020 08:38:58 pm
आज आहारचर्या गुरोद चौराहे पर
अपनी सोच को व्यापारिक नहीं व्यापक बनाइए-प्रमाणसागर,अपनी सोच को व्यापारिक नहीं व्यापक बनाइए-प्रमाणसागर
विदिशा. मुनिश्री प्रमाण सागर महाराज एवं मुनि श्री अरहसागर जी महाराज का मंगल विहार विदिशा से गंजबासौदा की ओर चल रहा है। मंगलवार को देवखजूरी में आहारचर्या के बाद मुनिश्री कागपुर की ओर बढ़े। शंका समाधान कागपुर के जैन मंदिर के सामने हुआ और वहीं रात्रि विश्राम के लिए वे रुके। 26 फरवरी को उनकी आहारचर्या गुरोद चौराहे पर होगी। गुरूवार को मुनिश्री गंजबासौदा में प्रवेश करेंगे, जहां उनकी भव्य अगवानी की जाएगी। कागपुर में मुनिश्री प्रमाणसागर ने कहा कि अपनी सोच को व्यापारिक नहीं बल्कि व्यापक बनाइए।
मुनिश्री ने कहा कि आंखे हमारी खुली हैं, आंखों से हमें दिखता है, इसलिए अपने जीवन को खरा बनाएं। अपने जीवन व्यवहार को टटोल कर देखिए कि आप अपने रिश्तेदारों से अपने मित्रों से अपने पास पड़ोस से फायदा उठाने की कोशिश करते है या उनको फायदा देने की। फायदा उठाओ, लेकिन नाजायज फायदा मत उठाओ। प्राय: लोग हर बात पर फायदा और नुकसान देखते हैं, लेकिन आपकी यह सोच व्यापक नहीं है। केवल अपना फायदा ही न देखें, हमारी दृष्टि व्यापक होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंसा से दूर रहते हुए अपना व्यापार करोगे तो आपको लाभ ही होगा। भारतीय संस्कृति में लाभ से पहले शुभ का महत्व है, इसीलिए अपने घरों पर शुभ-लाभ लिखा जाता है। वह कार्य करो जिससे औरों को भी लाभ हो। मुनिश्री ने कहा कि दुकान में बैठकर यदि तुम लाभ उठाओ तो कोई बात नहीं, लेकिन जीवन व्यवहार को ही व्यापार बना लेना उचित नहीं। समाज के प्रवक्ता अविनाश जैन ने बताया कि मुनिश्री प्रसाद सागर, उत्तमसागर, पुराणसागर, शैलसागर और निकलंक सागर महाराज की आहारचर्या बड़े जैन मंदिर से हुई, वहीं प्रवचन हुए।