सदगुरु नगर के बाद ट्रस्ट के बिड़ला मंदिर पर मलूक पीठाधीश्वर द्वाराचर्य राजेंद्रदास महाराज ने गाय का महत्व बताते हुए कहा कि गाय के चार पैरों में ही चार वेद हैं। मनुष्य गो सेवा करके भी अपना आत्म कल्याण कर सकते हैं। ये हमारे अच्छे कर्म हैं कि हमको गो सेवा करने का अवसर मिल रहा है। उन्होंने कहा कि हमें कभी अभियान नहीं करना चाहिए। हम जो कुछ कर रहे हैं वह भगवान की मर्जी है। हम तो सिर्फ निमित्त मात्र हैं, जो भगवान हमसे यह सब कार्य करवा रहे हैं। ईश्वर ने इसके लिये हमको चुना यह ईश्वर का हमारे प्रति विश्वास है। भगवान भाव से ही मिलते हैं उनको पाने के लिये भक्त को भी अपने भगवान के प्रति विश्वास भाव होना चाहिए। कभी भी अपने धार्मिक ग्रंथों पर शंका नहीं करना चाहिये। आज समाज मे कई लोग शंका करते हैं जबकि भाव के लिये संत रैदास महाराज ने प्रकट होकर मीरा को ज्ञान दिया था। आज हमारे सामाजिक मूल्यों का हृास हो रहा है। संतो ने समय-समय पर अवतरित होकर हमारे सनातन धर्म की रक्षा की है। मनुष्य को भगवान के दर्शन होने पर शोक, मोह अपने आप समाप्त हो जाएंगे।