scriptरामलीला में माया से प्रकट होंगे कई रावण, मौत के रूप में नाचेगी रणचंडी | Many Ravanas will appear from Maya in Ramlila | Patrika News

रामलीला में माया से प्रकट होंगे कई रावण, मौत के रूप में नाचेगी रणचंडी

locationविदिशाPublished: Jan 27, 2022 09:19:56 pm

Submitted by:

govind saxena

किला चलेगा और 21 फीट ऊंचे रावण का होगा दहन

रामलीला में माया से प्रकट होंगे कई रावण, मौत के रूप में नाचेगी रणचंडी

रामलीला में माया से प्रकट होंगे कई रावण, मौत के रूप में नाचेगी रणचंडी

विदिशा. ऐतिहासिक रामलीला अब अपने समापन की ओर है। गुरूवार को अहिरावण वध की लीला हुई। शुक्रवार को नारांतक वध की लीला होगी और शनिवार को रामलीला की सबसे महत्वपूर्ण लीला रावण वध होगा।
गुरूवार को अहिरावण(दुर्गेश श्रीधर)वध की लीला में रावण अहिरावण का आव्हान करता है और फिर उसे राम-लक्ष्मण को मारने के लिए कहता है। अहिरावण रात को राम-लक्ष्मण का हरण कर उन्हें पाताल ले जाता है और देवी को उनकी बलि चढ़ाने की तैयारी करता है। इधर राम-लक्ष्मण को न पाकर रामादल में हाहाकार मच जाता है। हनुमान(अंबेश श्रीधर)दोनों को ढूंढते हुए पाताल पहुंच जाते हैं। वहां देवी को बलि से पहले ही अहिरावण का वध होता है औ राम लक्ष्मण को सुरक्षित लेकर हनुमान वापस आ जाते हैं। रामलीला के सह प्रधान संचालक डॉ सुधांशु मिश्र ने बताया कि शुक्रवार को रावण के पुत्र नारांतक का वध होगा। शनिवार को लीला करीब 4-5 घंटे चलेगी। देवी की परिक्रमा, हनुमान और भैरव का नृत्य, राम की शक्ति पूजा और रावण की शिव पूजा के बाद दोनों दलों में भीषण युद्ध होगा। माया युद्ध के माध्यम से कई रावण प्रकट हो जाएंगे। राम अपने बाण से माया को काटकर रावण का वध करेंगे। राम-रावण के बीच भीषण और अंतिम युद्ध के दिन रणचंडी और भैरव का नृत्य होगा, डरावनी आवाजों के शोर के बीच रावण मारा जाएगा। रावण वध के दिन रावण की भूमिका शुभम शर्मा निभाएंगे। रावण वध के बाद परिसर में नूर मोहम्मद द्वारा आतिशबाजी का प्रदर्शन होगा। किला चलेगा और फिर 21 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन होगा। 31 जनवरी सोमवार को राम राज्याभिषेक के साथ रामलीला के 121 वें वर्ष का समापन होगा और भगवान नंदवाना स्थित श्रीलक्ष्मीनारायण मंदिर लौट जाएंगे।

50 वर्ष पुरानी पोषाक और आभूषण
रामलीला में रावण की करीब 50 साल पुरानी भारी भरकम वो पोषाक सुरक्षित है जिसे कभी रावण का किरदार निभाते समय छुट्टूलाल शर्मा पहनते थे। इसके अलावा करीब 30 साल से ज्यादा पुराने मुकुट, कुंडल तथा हथियार भी यहां मौजूद हैं। इस बार छुट्टूलाल शर्मा के पोते शुभम शर्मा रावण वध के दिन रावण का किरदार निभाएंगे।

बालरूप राम का किरदार निभाने हैदराबाद से आए
रामलीला से सक्रिय रूप से जुड़़े कीर्तिप्रकाश शर्मा ही नहीं बल्कि उनके भी पिता रामलीला में पात्र बनते थे। उनके पुत्र ने भी किरदार निभाए हैं। लेकिन अब वह हैदराबाद में जॉब में है। इसके बावजूद वहां से वह अपने पुत्र यानी कीर्ति शर्मा के पोते को लाकर यहां रामलीला में शामिल करते हैं। दो साल से यह क्रम जारी है। यह नन्हा बच्चा बालरूप राम की लीला में एक दिन के लिए यहां आता है।

सुरक्षित हैं 122 वर्ष पहले हाथ से लिखे डॉयलॉग
रामलीला के प्रधान संचालक पं. चंद्रकिशोर शास्त्री के पास उनके परदादा और रामलीला के प्रथम प्रधान संचालक पं. विश्वनाथ शास्त्री के हाथों से वर्ष 1900 में लिखे गए डॉयलॉग, दोहे और प्रसंग अब भी सुरक्षित हैं। उस समय प्रथम प्रधान संचालक ने दरबार में कौन कहां बैठेगा, किसकी वेषभूषा कैसी होगी यह सब भी तय कर रखा था जो अब भी लिखा है और उसी मुताबिक रामलीला में होता भी है।
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