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लॉकडाउन में भी मेडिकल संचालक लोगों के घर-घर पहुंचवा रहे दवाईयां

locationविदिशाPublished: Apr 16, 2020 11:26:28 pm

Submitted by:

Krishna singh

लॉकडाउन में 50 प्रतिशत हो पा रही दवाओं की पूर्ति

Medical operators delivering medicines from door to door in lock down

Medical operators delivering medicines from door to door in lock down

विदिशा. लॉकडाउन के चलते दवा की उपलब्धता प्रभावित हुई है। कई जरूरी बीमारियों की दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं होने से मरीजों को परेशान होना पड़ रहा है। वहीं कुल दवा दुकानों में हर दिन क्षेत्र वार कुछ ही दवाओं को खुलने की परमीशन है। ऐसे में एक दुकान पर दवा न मिलने पर मरीज के परिजनों को अन्य दुकानों पर भटकना पड़ रहा है। दवा विक्रेताओं का कहना है कि मांग के अनुरूप 50 प्रतिशत दवाएं उपलब्ध हो पा रही है। इस संकट के दौर में कुछ दुकानदार मरीजों के घर पहुंचकर भी दवा उपलब्ध कराने में सहयोग कर रहे हैं।
40 बुजुर्गों के घरों में पहुंचाते हैं दवा
पुराने जिला अस्पताल के सामने बालाजी मेेडिकल के संचालक राजकुमार शर्मा के मुताबिक हार्ट, बीपी, सुगर संबंधी दवाओं की अधिक डिमांड है, लेकिन पूर्ति नहीं हो पा रही। भोपाल से दवाएं लाते हैं जहां से मांग के अनुरूप 50 प्रतिशत दवाएं ही मिल पा रही है। फिर भी प्रयास किए जाते हैं कि मरीज को दवा उपलब्ध हो। उन्होंने कहा कि लॉक डाउन में मुख्य समस्याएं ऐसेे बुजुर्गों के समक्ष आ गई है जिनके बच्चे व परिवार बैंगलौर, कोटा व आदि स्थानों पर है। यह बुजुर्ग दुकान तक नहीं आ पाते लेकिन उनकी सूचना पर ऐसे करीब 40 बुजुर्गों की मदद उनके घर पर दवा पहुंचा कर की जा रही है।
बाहरी डॉक्टरों के पर्चे की दवा में मुश्किल
रेलवे स्टेशन मार्ग स्थित मेडी शॉप के संचालक मनीष माहेश्वरी ने बताया कि दवाओं की पूर्ति करने में समस्या आ रही है। भोपाल से दवाएं आती हैं लेकिन इंदौर मार्केट बंद होने से भोपाल में भी दवाओं की कमी होने से कम मात्रा में दवाएं उपलब्ध हो पा रही है। वहीं खासकर ऐसे मरीज जिनके पर्चे भोपाल के चिकित्सकों के हैं। इन मरीजों के परिजन न तो भोपाल जा पा रहे और न ही उन्हें यहां पर्याप्त दवाएं मिल पा रही। ऐसे में इन मरीजों के परिजनों को ज्यादा परेशान होना पड़ रहा। फिर भी प्रयास किए जा रहे हैं कि मरीजों को आवश्यक दवाओं की पूर्ति हो सके।
हर दूसरे दिन निजी वाहन से लाते हैं दवा
वहीं अस्पताल मार्ग स्थित दवा विक्रे्रता लोकेश लोया ने बताया कि दवाओं में हृदय व ब्लड प्रेसर संबंधी दवाओं की कमी है। खासकर मस्तिष्क संबंधी दवा हर दुकान पर उपलब्ध नहीं होती है। ऐसे मेें इन दवाओं की भी जरूरत महसूस हो रही है। उन्होंने बताया कि मरीजों को किसी तरह की परेशानी न हो इसके लिए वे हर दूसरे दिन अपने निजी वाहन से भोपाल से दवा लाते हैं ताकि इमरजेंसी मरीजों को एक-दो दिन के अंदर दवाओं की उपलब्धता कराई जा सके।
सभी दुकानें एक साथ खुले तो मिलेगी मरीजों को राहत
कुछ दवा दुकानदारों का कहना है कि मरीजों की दवाओं के लिए भटकना न पड़े इसके लिए भले ही कम समय के लिए दुकानें खुले लेकिन सभी दुकानें एक साथ खुलना चाहिए। इससे आसानी यह कि ग्राहक को दवा के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। ग्राहक जहां से उसकी दवा लेता आया है वहां पहुंचकर उसके पर्चे की दवाएं उसे आसानी से मिल सकेगी। अभी यह हो रहा है कि हर दिन कुछ ही दुकानें खुलने से मरीज के परिजनों को एक दुकान से दूसरी दुकान भटकना पड़ रहा है।

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