खरीब फसल में धान पर दाव, 12000 हैक्टेयर तक बढ़ेगा रकबा
विदिशाPublished: May 04, 2022 09:38:50 pm
कृषि विभाग ने तैयार किया खरीफ का प्रस्तावित लक्ष्य
खरीब फसल में धान पर दाव, 12000 हैक्टेयर तक बढ़ेगा रकबा
विदिशा। कृषि विभाग ने खरीफ फसल का प्रस्तावित कार्यक्रम तैयार कर लिया है। इसके तहत खरीफ का रकबा पिछले वर्ष की अपेक्षा बढ़ेगा वही खासकर धान के प्रति किसानों का रुझान तेजी से बढ़ रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए गत वर्ष की अपेक्षा धान का रकबा गत वर्ष की अपेक्षा करीब 12 हजार हैक्टेयर और बढ़ने की संभावना है। वहीं सोयाबीन से किसानों की दूरी इस बार और अधिक बढ़ना मानी जा रही है।
मिली जानकारी के अनुसार गत वर्ष खरीफ कुल रकबा लाख 5 लाख 5 हजार था जबकि इस वर्ष का प्रस्तावित रकबा 5 लाख 27 हजार प्रस्तावित है। इसमें सोयाबीन, धान व उड़द अधिक क्षेत्र वाली फसलें हैं। वहीं मक्का, ज्वार, अरहर, मूंग, तिल, मूंगफली आदि की फसल भी किसान लेते हैं। हालांकि इनका रकबा अधिक नहीं होता। इस बार किसानों का रुझान देखें तो धान की तरफ अधिक है, जबकि सोयाबीन फसल में लगातार नुकसान के कारण इसका रकबा अब कम होता जा रहा है। इस बार इसी तरह की िस्थति रहने सोयाबीन का रकबा घटेगा और इसके स्थान पर धान और उड़द की अधिक बोवनी होने की संभावना है।
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अभी से तैयार होने लगे धान के गढ़े
जिले में देखे तो अभी खरीफ फसल की बोवनी में समय है लेकिन धान को लेकर किसानों की तैयारी शुरू हो चुकी है। किसान अपने खेतों में धान के गढ़े बनाने लगे हैं। ग्राम जीवाजीपुर के किसान अशलम पटेल का कहना है कि धान की पैदावार अच्छी है और मंडी में भी धान को अच्छे दाम मिल रहे हैं। इसलिए उनके गांव में धान की फसल प्रमुख रूप से ली जाती है। इसी के तहत गांव में किसान अपने खेतों में गढ़े तैयार करने लगे हैं। इसी तरह ग्राम परसपरसोरा, मूंडरा, सुरई, छापखेड़ा, बर्री, रकोली, गजार, खेरुआ, इकोदिया, जमाल्दी, कोलिंजा, अंडिया आदि गांव में भी धान का रकबा पहले से ही बढ़ा हुआ है और इस रकबे में इस बार और विस्तार किए जाने की तैयारी किसान कर रहे है।
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20 से अब 70 हजार हैक्टेयर में होने जा रही धान
जिले में धान का रकबा तेजी से विस्तार ले रहा है। मिली जानकारी के अनुसार ग्राम जीवाजीपुर में धान का रकबा 100 प्रतिशत हो चुका है। वहीं परसपरसोरा में 90 प्रतिशत क्षेत्र में धान लगाई जाने लगी है। इसी तरह ग्राम खेरुआ में भी धान का रकबा काफी बढ़ा है। अन्य गांव में भी जहां पानी के इंतजाम है वहां किसान धान को प्रमुखता दे रहा है। वहीं कृषि विभाग के आंकड़े देखें तो वर्ष 2020 में धान का रकबा 20 हजार 500 हैक्टेयर था जो वर्ष 2021 में 57 हजार 518 हुआ और अब 2022 में 70 हजार हैक्टेयर का लक्ष्य प्रस्तावित किया गया है।
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सोयाबीन से बढ़ी दूरियां
जिले में धान और उड़द का रकबा बढ़ने से इसका सीधा असर सोयाबीन फसल पर पड़ा है। किसानों का कहना है कि सोयाबीन फसल में किसानों को लगातार नुकसान उठाना पड़ा है। बारिश के अलावा फसल में विभिन्न बीमारियों ने इसकी लागत बढ़ा दी है। हालांकि इस बार मंडी में सोयाबीन को दाम भी अधिक मिले फिर भी इस फसल पर दाव लगाने में किसान बचने लगे हैं। इससे हर वर्ष इसका रकबा कम होता जा रहा। कृषि विभाग के मुताबिक सोयाबीन का रकबा तीन वर्ष पूर्व जहां 4 लाख 60 हजार था वह अब घटकर 2 लाख 50 हजार पर आ गया जबकि उड़द, धान व अन्य फसलों का क्षेत्र बढ़ रहा है।
वर्जन
जिले में सोयाबीन की अपेक्षा धान ज्यादा सुरक्षित फसल है। बारिश में सोयाबीन की फसल खराब होने का खतरा बना रहता है जबकि बारिश में धान की फसल नुकसान से बच जाती है। धान की पैदावार भी अच्छी है और मंडी में अब दाम भी अच्छे मिल रहे हैं।
-बलवीरसिंह रघुवंशी, किसान, परसपरसोरा
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खरीफ का प्रस्तावित लक्ष्य तैयार कर लिया गया है। जिले में कुल 5 लाख 27 हजार हैक्टेयर में खरीफ फसल का लक्ष्य प्रस्तावित है। किसानों का रुझान देखते हुए इस बार धान का रकबा गत वर्ष की अपेक्षा और अधिक बढ़ने की संभावना है।
-पीके चौकसे, उप संचालक, कृषि विभाग
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