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कांग्रेस प्रदेश प्रभारी ने ली कार्यकर्ताओं की बैठक, बैठक के दौरान हुआ विवाद

locationविदिशाPublished: Aug 06, 2018 04:33:06 pm

Submitted by:

govind saxena

कांग्रेस प्रदेश प्रभारी ने ली कार्यकर्ताओं की बैठक, बैठक के दौरान हुआ विवाद

deepak babriya

कांग्रेस प्रदेश प्रभारी ने ली कार्यकर्ताओं की बैठक, बैठक के दौरान हुआ विवाद

भोपाल। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया सोमवार को मध्यप्रदेश के विदिशा जिले में पहुंचे। वे यहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठक लेने आए थे। बैठक के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच हंगामा मच गया। देखते ही देखते यह हंगामा इतना बढ़ गया कि बीच बचाव के लिए पुलिस को आना पड़ा।

जानकारी के अनुसार कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव दीपक बावरिया के मंच पर कांग्रेस की आपस में भिड़े जमकर गाली गलोज हुई और नोबत हाथापाई पर पहुंची। नेताओं ने कार्यकर्ताओं को अलग करने का प्रयास किया। लेकिन पुलिस के हस्तक्षेप के बाद कार्यकर्ताओं को मंच से उतारा गया। कांग्रेस कार्यकर्ता मंच पर नेताओं को सम्मान ना मिलने से नाराज थे। वही एक कार्यकर्ता ने कांग्रेस के जिलाध्यक्ष को बदलने के लिए आवाज उठाई उस पर से आपस में कार्यकर्ता भिड़ गए ऐसा मौका भी आया जब दीपक बावरिया और कांग्रेस के संभागीय प्रभारी अश्वनी कुमार कार्यकर्ताओं के बीच घिर गए।

बाद में बावरिया ने कांग्रेसियों को एकता का पाठ पढ़ाया और छोटी-छोटी बातों पर भावनाओं को नियंत्रित रखने की बात कही। उन्होंने कहां की टिकट के लिए किसी को भी किसी के पीछे भटकने की जरूरत नहीं है। साथ ही शक्ति प्रदर्शन की भी जरूरत नहीं है। क्योंकि शक्ति प्रदर्शन में अधिकतर लोग फर्जी रहते हैं। यदि शक्ति प्रदर्शन करना है कांग्रेस के अभियान में जुटे मंच पर बैठने की कोशिश बहुत गलत है। उन्होंने कांग्रेस में टिकट बेचने कटाक्ष करते हुए कहा कि दक्षिणा देने की जरूरत नहीं है।

बावरिया ने मध्यप्रदेश में कांग्रेस को 200 से ज्यादा सीटें मिलने की बात कही उन्होंने कार्यकर्ताओं को कांग्रेस को मां की तरह मान्य का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि अपने छोटे स्वार्थ के लिए अपनी मां का कोई सौदा नहीं कर सकता। उन्होंने पार्टी बेचने वालों को दूर रहने को कहा और कहा कि छोटे-छोटे अपमान के कड़वे घूंट पीए, लेकिन कांग्रेस से गद्दारी ना करें। कांग्रेस के मध्य प्रदेश कांग्रेस जिलाध्यक्ष और उनके पैर बिछुए इससे पहले कांग्रेस के संभागीय प्रभारी अश्वनी कुमार ने कहां की अभी तक यह होता आया है कि यहां चुनाव में प्रत्याशी बनने के लिए 10 लोग टिकट मांगते हैं और जैसे ही किसी एक को टिकट मिलता है तो बाकी 9 लोग उसमें बत्ती देने लगते हैं अब जो लोग बत्ती देंगे उन्हें पार्टी से बाहर समझो।

इसके पहले भी कांग्रेस महासचिव दीपक बावरिया को रीवा में कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ा था। क्योंकि उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में यह घोषणा कर दी कि पार्टी की सरकार बनी तो सीएम कमलनाथ अथवा ज्योतिरादित्य सिंधिया बनेंगे। इस पर कार्यकर्ताओं का आक्रोश फूट पड़ा। पहले राजनिवास के बाहर नारेबाजी की गई, बाद में कार्यकर्ता उस कक्ष में जा घुसे जहां पर बावरिया टिकट के दावेदारों से वन टू वन चर्चा कर रहे थे।

करीब दो दर्जन की संख्या में एक साथ कार्यकर्ता पहुंच गए, जिन्होंने बावरिया से सवाल किया कि उनकी ओर से सीएम पद के प्रत्याशी के नाम का ऐलान कैसे कर दिया गया। पहले बात शांतिपूर्ण तरीके से चल रही थी, बाद में बढ़ती भीड़ को देखते हुए बावरिया ने सभी को बाहर करने के लिए निर्देश दिया। उनके साथ मौजूद लोगों ने कार्यकर्ताओं को बाहर निकालने का प्रयास किया।

इसी बीच कुछ कार्यकर्ताओं ने बावरिया के साथ भी धक्कामुक्की कर दी। कहा जा रहा है कि किसी ने थप्पड़ भी जड़ दिया। हालांकि इन मारपीट जैसी घटना से बावरिया और कांग्रेस के नेताओं ने इंकार किया है। कहा गया है कि पार्टी के कुछ कार्यकर्ता अपनी बात रखना चाह रहे थे, भीड़ के चलते उन्हें बाहर जाने के लिए कहा गया।

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