किसान पिछले वर्षों में भी प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर रहे हैं, जिससे अच्छी फसल नहीं हो पा रही है। इस बार किसानों को अच्छी फसल की उम्मीद थी, लेकिन अब वे फिर लगातार बारिश के कारण चिंतित हैं। पहले समय पर बारिश न होने के कारण फसलों की ग्रोथ रुकी रही, फिर फसलों पर रोग लग गए, जिससे उनकी बढ़वार प्रभावित हुई। लेकिन अब पिछले तीन-चार दिन से लगातार बारिश से फसलों के गलने का खतरा बढ़ गया है। उडद और मूंग की फसल में फलियां आने लगी है। जिन किसानो की पहले की बोवनी है उनमें दाने भी पड चुके है। लेकिन लगातार पानी के कारण पौधे गलने लगे है और फलियां भी गिरने का डर किसानो को सता रहा है। जिन किसानो के खेतो में पानी भरा हुआ है, उनकी फसलें भी अधिक पानी के कारण खराब हो जाएंगी। इसलिए अब किसान मौसम खुलने का इंतजार कर रहा है।
किसानों का कहना है कि कई दिनों से पानी लगातार गिर रहा है, जिससे फसलों को धूप नहीं मिल पा रही। उड़द और मंूग की फसल को ज्यादा नुकसान है, क्योंकि यह फसल 8-10 दिन में पकने की स्थिति में आ जाएगी। लेकिन ऐसा ही पानी गिरता रहा तो फलियां झडऩे लगेंंगी। वहीं उड़द और मूंग में माहू का प्रकोप भी बढ़ गया है। धूप निकलते ही किसान फसलों पर कीटनाशक का छिड़काव कर सकते हैं। अभी पानी के कारण दवा छिड़काव नहीं हो पा रहा है। यदि इसी तरह बारिश होती रही तो फसल का नष्ट होना तय माना जा रहा है।
बाजार में पसरा रहा सन्नाटा
पानी बंद नही होने के कारण बाजार में भी इसका असर देखने को मिला इसकी वजह से बाजार में चहल-पहल बहुत कम रही। सब्जी की आवक भी कम होन के कारण सब्जियों के दाम बढ़ गए। दूसरी ओर कभी हल्की और कभी तेज बारिश के कारण जहां डेम के पानी में बढ़ौतरी हो रही है। वही आमजन को पानी के कारण परेशानियो का सामना करना पड़ रहा है। घर से निकलने के लिऐ रेनकोट और छाता का सहारा लेना पडा।
-इनका कहना है…
लगातार हो रही बारिश की वजह से फसलों पर इसका प्रतिकूल असर पड रहा है। सबसे ज्यादा नुकसान उडद और मूंग की फसल को होगा।
नईम खान किसान ओखलीखेडा
जिन किसानों के खेतो में पानी भर जाता है वह किसान पानी निकासी की व्यवस्था करें। मूंग-उडं़द की फसलें पक गईं हैं। उनमें नुकसान की सम्भावना है।
आशीष आर्य, एसडीओ कृषि सिरोंज