विदिशाPublished: Nov 09, 2023 07:34:38 am
Sanjana Kumar
विदिशा विधानसभा में 1972 का चुनाव राजनीतिक शुचिता की एक अनोखी मिसाल साबित हुआ था...
जहां आज चुनाव जीतने के लिए प्रत्याशी और उनके समर्थक एक दूसरे पर कीचड़ उछालने का कोई मौका नहीं चूकते वहीं, विदिशा विधानसभा में 1972 का चुनाव राजनीतिक शुचिता की एक अनोखी मिसाल साबित हुआ था। इस चुनाव में जनसंघ ने राघवजी को दोबारा प्रत्याशी बनाया था, जबकि कांग्रेस ने पहली बार डॉ. सूर्यप्रकाश सक्सेना को मैदान में उतारा था। दोनों पक्के दोस्त थे, जब नामांकन का वक्त आया और कलेक्ट्रेट में नामांकन दाखिले के समय जब दोनों का आमना-सामना हुआ तो दोनों ने एक दूसरे का हाथ थामकर संकल्प लिया था कि चुनाव में एक जीतेगा तो दूसरा हारेगा। लेकिन इस जंग का असर हमारी दोस्ती पर नहीं पड़ना चाहिए। कोई व्यक्तिगत छींटाकशी एक दूसरे पर नहीं होना चाहिए।