scriptएक पैर खोने के बाद भी बनीं नेशनल बैडमिंटन खिलाड़ी | Patrika News

एक पैर खोने के बाद भी बनीं नेशनल बैडमिंटन खिलाड़ी

Published: Dec 12, 2015 04:23:00 am

Submitted by:

Kamlesh Sharma

जब लोग मुझसे पूछते हैं कि तुम इतना सारा कुछ कैसे कर लेती हो, तो मेरा सीधा सा जवाब होता है, ‘आपको कुछ करने से रोक ही कौन रहा है’:- मानसी जोशी

 जब लोग मुझसे पूछते हैं कि तुम इतना सारा कुछ कैसे कर लेती हो, तो मेरा सीधा सा जवाब होता है, ‘आपको कुछ करने से रोक ही कौन रहा है:- मानसी जोशी

सॉफ्टवेयर इंजीनियर मानसी जोशी के सपनों को सड़क हादसे ने चूर चूर कर दिया। हौसलों ने फिर से संभलने को कहा तो मानसी ने कृत्रिम पैर के सहारे बैडमिंटन में मुकाम हासिल करने का निश्चय किया। मानसी का एक पैर जब ट्रक कुचलकर चला गया, तो उन्होंने उस समय यह सोच लिया था कि वह आगे कभी भी एक सामान्य जीवन नहीं जी पाएंगी।

मगर हौसलों की बुलंद मानसी जोशी का सफर यहीं खत्म नहीं हुआ। कई बार बैडमिंटन कोर्ट पर गिरी मगर जिद ने हालातों से लडऩा सिखा दिया। बैडमिंटन ही आत्मविश्वास बन गया। मानसी ने कई सारे मेडल भी जीते। 

उसके बाद उन्होंने नेशनल लेवल की बैंडमिटन प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना शुरू किया। उनका चयन पैरा-बैडमिंटन इंटरनेशनल में हो गया। इंग्लैंड में आयोजित पैरा-बैडमिंटन इंटरनेशनल में उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व किया और रजत पदक अपने नाम किया। 

सिर्फ दो ही थे रास्ते
मानसी बताती हैं कि उनके पास उसके बाद दो ही रास्ते थे, पहला यह कि वे इसे अपना दुर्भाग्य मानें और बैठकर इस पर रोएं और दूसरा यह कि वह इस स्थिति को स्वीकार कर आगे बढ़े। जब कभी अस्पताल में उनसे कोई मिलने आता तो वह उसे चुटकुले सुनातीं क्योंकि वह नहीं चाहती थीं कि उनकी वजह से कोई रोए। 
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो