शहर में नगरपालिका में पदस्थ ऑडिटर बीएम राठौर को लोकायुक्त भोपाल की टीम ने 15000 की रिस्वत लेते रंगे हाथ गिरफ़्तार किया है नपा ठेकेदार नरेश शर्मा ने 7 नबंबर को लोकायुक्त भोपाल में शिकायत की थी , शिकायत के बाद लोकायुक्त भोपाल ने मंगलवार को कार्यवाही को अंजाम दिया नरेश शर्मा ने बताया कि काम के फाइलों से ऑडिट आपत्ति हटाने के नाम पर 40000 कि रिश्वत मांगी थी जिसमें से 25000 पूर्व में दे चुके हैं। नरेश शर्मा ऑडिटर बीएम राठौर को बाकी के 15000 देते समय राठौर को लोकायुक्त ने धर दबोचा।
ये था मामला बोरिंग मशीन और सीसी सड़क के काम का भुगतान होना था उक्त मामले में लगभग 15 लाख रुपए का भुगतान होना था, लेकिन कार्य में अनेक कमियां निकालकर रोका गया था। लेकिन भुगतान न मिलने से वह काफी परेशान हो गया और उसने रिश्वत देने पर पूरे भुगतान किए जाने की बात कही। इस के बाद ये शिकायत उसने लोकायुक्त टीम को की गई।
पहले भी थाने में रिश्वत लेते पकड़ाए एएसआई को सजा इधर, उज्जैन में पहले एक हजार रुपए की रिश्वत मांगने के मामले में मंगलवार को कोर्ट ने एएसआई को चार साल कैद की सजा सुनाई है। लोकायुक्त ने एएसआई को अप्रैल 2014 में रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था। घूस के रुपए उसकी वर्दी की शर्ट की जेब से बरामद किए थे। सजा सुनाने के बाद एएसआई को जेल भेज दिया गया।
लोकायुक्त एसपी गीतेश गर्ग ने बताया कि 10 अप्रैल 2014 को मंगलेश उर्फ मुनेंद्रसिंह परिहार ने शिकायत की थी कि चिमनगंज थाने में पदस्थ एएसआई जगदीश कुमार पटेल उसके खिलाफ दर्ज हुए मारपीट के मामले में चालान पेश करने व जमानत देने के नाम पर चार हजार रुपए की रिश्वत मांग रहे हैं।