विदिशा

चातुर्मास के लिए भावनाओं का कलश पूरे जिले के हर परिवार को रखना चाहिए-समतासागर

मुनिश्री समतासागर महाराज

विदिशाJul 02, 2020 / 08:10 pm

govind saxena

चातुर्मास के लिए भावनाओं का कलश पूरे जिले के हर परिवार को रखना चाहिए-समतासागर

विदिशा. नगर में मुनिसंघ के चातुर्मास के बारे में बोलते हुए मुनिश्री समतासागर महाराज ने कहा है कि विदिशा नगर में चातुर्मास की संयोजना बन रही है। आचार्यश्री विद्यासागर महाराज का आशीर्वाद भी आप लोगों को मिल गया है। लेकिन उस संयोजना में विदिशा नगर के हर जैन परिवार का कुछ न कुछ योगदान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कलश स्थापित भले ही कुछ परिवार कर पाएं, लेकिन भावनाओं का कलश तो विदिशा नगर ही नहीं बल्कि पूरे जिले के प्रत्येक परिवार को रखना चाहिए। यह बात मुनिश्री ने श्रीशांतिनाथ जिनालय स्टेशन मंदिर में धर्मसभा को संबोधित करते हुए कही।

उन्होंने कहा कि अपने पुण्य को क्षीण न होने दें। यदि आपने अपने पास वाला पुण्य अपने पड़ौसी को दे दिया, तो आपके हाथ में आया हुआ पुण्य तो निकल ही जाएगा साथ ही वह आपके उस पुण्य को भी साथ ले जाएगा जो अभी तक आपके पास था।

मुनिश्री ने कहा कि हिन्दी वर्णमाला में ऐसा कोई अक्षर नहीं जिसमें मंत्र बनने की शक्ति न हो, प्रकृति में ऐसी कोई वनस्पति नहीं जिसमें औषधि बनने की क्षमता न हो, लेकिन जरूरत होती है उन अक्षरों के संयोजन और वनस्पति के औषधि गुणों को पचानने की। जो इसका संयोजन कर लेता है वह अच्छा विद्वान और अच्छा वैद्य बन जाता है। इसी तरह ऐसा कोई व्यक्ति नहीं जिसमें कोई विशेषता न हो। हर व्यक्ती में कोई न कोई योग्यता या विशेषता होती है, लेकिन उसको पहचान कर उस व्यक्ति की क्षमता अनुसार उस कार्य को जिम्मेदारी के साथ संयोजना करने वाला व्यक्ति ही संयोजक कहलाता है।
मुनि श्री ने कहा कि कार्य कोई भी छोटा या बड़ा नहीं होता, उसकी उचित संयोजना होंना चाहिए, उचित संयोजना से बड़े से बड़ा काम भी कम श्रम से पूर्ण हो जाता है। जबकि आलस और प्रमाद से छोटे काम भी असफल हो जाते हैं।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.