scriptNapa lost faith in cleanliness work, Mandi is now preparing to change | स्वच्छता कार्य में नपा ने खोया भरोसा, मंडी अब सफाई एजेंसी बदलने की तैयारी में | Patrika News

स्वच्छता कार्य में नपा ने खोया भरोसा, मंडी अब सफाई एजेंसी बदलने की तैयारी में

locationविदिशाPublished: Dec 04, 2022 09:54:24 pm

Submitted by:

Bhupendra malviya

नपा के लिए हर माह 50 हजार रुपए का भुगतान कर रही मंडी फिर भी हर तरफ गंदगी

स्वच्छता कार्य में नपा ने खोया भरोसा, मंडी अब सफाई एजेंसी बदलने की तैयारी में
स्वच्छता कार्य में नपा ने खोया भरोसा, मंडी अब सफाई एजेंसी बदलने की तैयारी में
विदिशा। स्वच्छता कार्य में नगरपालिका ने कृषि उपज मंडी का विश्वास खो दिया है। मंंडी हर माह सफाई कार्य के लिए 50 हजार रुपए का भुगतान नगरपालिका को करती आ रही पर मंडी परिसर को नगरपालिका साफ सुथरा रखने में सफल नहीं हो पाई। फलस्वरूप अब मंडी समिति सफाई एजेंसी बदलने की तैयारी कर रही और इस संंबंध में प्रस्ताव भी पास कर लिया गया है। सफाई एजेंसी बदले जाने पर आर्थिक संकट से जूझ रही नपा को हर माह मिलने वाली 50 हजार रुपए की एकमुश्त राशि का झटका लगने की आशंका है।

मालूम हो कि मंडी में स्वच्छता के लिए पूर्व में टैंडर जारी कर सफाई कार्य का ठेका दिया जाता था। बाद में ठेके का यह कार्य बंद कर मंडी कार्यालय सहित मंडी परिसरों की सफाई का यह काम नगरपालिका को दे दिया गया। इस कार्य के बदले 50 हजार रुपए प्रतिमाह देना तय किया गया। इसके बाद से करीब दस वर्ष से मंडी समिति नपा को यह मोटी राशि भुगतान करती आ रही पर जैसी की नपा से सफाई कार्य की अपेक्षा थी वैसा कार्य मंडी परिसर में नहीं हो रहा है। महीने में कभी कभार ही सफाई कार्य होने से न केवल मंडी प्रशासन व बल्कि अनाज व्यापारी भी नपा के इस कार्य नाखुश रहे हैं। अभी हाल ही में देखें जहां पुरानी मंडी परिसर का नाला ठसाठस है। महीनों से इसकी सफाई नहीं हुई। वहीं दुकानों के सामने गंदगी पसरी हुई है। मंडी कार्यालय के सामने एवं बगल में हमेशा कचरा बिखरा रहता है। पूरा मंडी परिसर धूलधूसर है और व्यापारी सहित मंडी के कर्मचारी, किसान आदि सभी वर्ग सफाई व्यवस्था से नाखुश है।
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10 वर्ष में नपा को हुुआ लाखों रुपए का भुगतान

कृषि उपज मंडी पिछले करीब 10 वर्ष से नपा को मंडी परिसरों की सफाई के लिए प्रति माह 50 हजार रुपए का भुगतान करती आ रही है। इस तरह 10 वर्ष में करीब 60 लाख रुपए का भुगतान हुआ जिसमें बताते हैं अभी सिर्फ 6 लाख रुपए का भुगतान होना है। लाखों रुपए सफाई के नाम पर खर्च करने के बाद भी मंडी परिसर कभी भी साफ सुथरा नहीं रहा है। मंडी के पहले दो परिसर थे तीसरा परिसर नई मंडी के रूप में है पर इन परिसरों में सफाई के नाम पर औपचारिकता होती आई है।
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अपर मुख्य सचिव ने नाराजी, तो अब सफाई एजेंसी बदलने पर विचार
पिछले दिनों अपर मुख्य सचिव ने मंडी का भ्रमण कर मंडी परिसर में साफ-सफाई की कमी पाए जाने जब अप्रसन्नता व्यक्त की थी। इसके बाद मंडी समिति का सम्मिलन हुआ और इसमें अन्य प्रस्तावों के साथ ही मंडी परिसरों की साफ सफाई के लिए एजेंसी चयन करने पर विचार कर प्रस्ताव पास किया गया है।

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वर्जन

मंडी में सफाई के नाम पर सिर्फ औपचारिकताएं ही होती आई है। व्यापारियों को खुद अपने स्तर पर निजी राशि खर्च कर सफाई कराना पड़ रही है। मंडी के तीन परिसर है पर कोई भी परिसर साफ-सुथरा नहीं है।

-विवेक जैन, महामंत्री, अनाज तिलहन व्यापार संघ
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अपर मुख्य सचिव के भ्रमण के दौरान उनके द्वारा दिए गए निर्देशों के पालन में सफाई व्यवस्था में सुधार लाने प्रस्ताव पारित किया गया है। यह प्रस्ताव वरिष्ठ कार्यालय को भेजा जा रहा है। स्वीकृति उपरांत सफाई व्यवस्था को दुरुस्त कराने के प्रयास किए जाएंगे।

-कमल बगवैया, सचिव, कृषि उपज मंडी
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