मालूम हो कि दशहरे पर बड़ी संख्या में नदी में प्रतिमाओं का विसर्जन हुआ है, लेकिन प्रशासन की ओर से नदी की स्वच्छता को लेकर कोईतैयारी नहीं है, जबकि बेतवा मुक्तिधाम सेवा समिति एवं बेतवा उत्थान समिति दशहरे के दूसरे दिन से ही नदी की स्वच्छता के लिए प्रयासरत है और नदी से अवशेष व कचरा आदि निकाला जा रहा है। मुक्तिधाम सेवा समिति के सदस्यों के मुताबिक सुबह जब नदी पर पहुंचे तो नजारा दुखद था। चरणतीर्थ पुल से छोटे पुल के बीच बड़ी संख्या में छोटी मछलियां मृत दिखाईदी। अन्य मछलियां भी पानी से ऊपर आकर तड़प रही थी। मछलियों को पानी में दाना डाला गया लेकिन वे दाना खाने नहीं बल्कि जिंदा रहने के लिए आक्सीजन लेने पानी से बाहर अपना सिर निकाल रही थी।
खारी घाट पर भी यही हाल
बेतवा के चरणतीर्थ से खारी घाट जाने वाली सीढिय़ों व पुल के किनारे भी अनेक मछलियां मृत मिली। नदी का बड़ा हिस्सा चरणतीर्थ के पुराने पुल से लेकर श्मशानघाट मार्ग की ओर एवं खारी घाट तक नदी कचरे से पटी पड़ी है। हर तरफ प्रतिमाओं के अवशेष सहित कपड़े, पूजन सामग्री व अन्य अपशिष्ट सामग्री नदी में बिखरी हुई है। वहीं पानी में जगह-जगह प्रतिमाओं से निकला केमिकल पानी में परत के रूप में तैरकर अपनी भारी मौजूदगी की गवाही दे रहा है।
बेतवा के चरणतीर्थ से खारी घाट जाने वाली सीढिय़ों व पुल के किनारे भी अनेक मछलियां मृत मिली। नदी का बड़ा हिस्सा चरणतीर्थ के पुराने पुल से लेकर श्मशानघाट मार्ग की ओर एवं खारी घाट तक नदी कचरे से पटी पड़ी है। हर तरफ प्रतिमाओं के अवशेष सहित कपड़े, पूजन सामग्री व अन्य अपशिष्ट सामग्री नदी में बिखरी हुई है। वहीं पानी में जगह-जगह प्रतिमाओं से निकला केमिकल पानी में परत के रूप में तैरकर अपनी भारी मौजूदगी की गवाही दे रहा है।
नदी की स्वच्छता में अनदेखी
दशहरे के तीसरे दिन भी नदी की स्वच्छता की तरफ जिला प्रशासन व नगरपालिका द्वारा अब तक कोईठोस कदम नहीं उठाए जा रहे। श्रमदानियों का कहना हैकि अब तो नदी में मछलियों का मरना शुरू हो गया है। इनका कहना है कि इस तरफ शीघ्र ध्यान नहीं दिया गया तो अन्य जल जीवों का जीवन भी संकट में आ जाएगा।
दशहरे के तीसरे दिन भी नदी की स्वच्छता की तरफ जिला प्रशासन व नगरपालिका द्वारा अब तक कोईठोस कदम नहीं उठाए जा रहे। श्रमदानियों का कहना हैकि अब तो नदी में मछलियों का मरना शुरू हो गया है। इनका कहना है कि इस तरफ शीघ्र ध्यान नहीं दिया गया तो अन्य जल जीवों का जीवन भी संकट में आ जाएगा।
बेतवा से निकाला दो ट्रॉली कचरा
सुबह मुक्तिधाम सेवा समिति के आह्वान पर सुबह करीब 20 श्रमदानियों ने बेतवा की स्वच्छता के लिए करीब तीन घंटे श्रमदान किया और इस दौरान प्रतिमाओं के स्टेक्चर, पियांर, बांस के टुकड़े, हवन सामग्री, फूल मालाएं, पॉलीथिन आदि करीब दो ट्रॉली अपशिष्ट सामग्रियों को बाहर निकाला। स्वच्छता के लिए चले इस अभियान में शासकीय कन्या पिछड़ा वर्ग पोस्ट मैट्रिक छात्रावास की वार्डन नीलू नरवरिया, रानी कुशवाह, रेखा मालवीय, गजाला खान, फेमिदा खान, रेखा अहिरवार, रिंकी, कलेक्टे्रट के सुरेश जाटव, मोहित राठौर, फुटबाल क्लब के कोच रविकांत नामदेव, रत्नेश सोनी, शैलेंद्र आदि शामिल रहे।
सुबह मुक्तिधाम सेवा समिति के आह्वान पर सुबह करीब 20 श्रमदानियों ने बेतवा की स्वच्छता के लिए करीब तीन घंटे श्रमदान किया और इस दौरान प्रतिमाओं के स्टेक्चर, पियांर, बांस के टुकड़े, हवन सामग्री, फूल मालाएं, पॉलीथिन आदि करीब दो ट्रॉली अपशिष्ट सामग्रियों को बाहर निकाला। स्वच्छता के लिए चले इस अभियान में शासकीय कन्या पिछड़ा वर्ग पोस्ट मैट्रिक छात्रावास की वार्डन नीलू नरवरिया, रानी कुशवाह, रेखा मालवीय, गजाला खान, फेमिदा खान, रेखा अहिरवार, रिंकी, कलेक्टे्रट के सुरेश जाटव, मोहित राठौर, फुटबाल क्लब के कोच रविकांत नामदेव, रत्नेश सोनी, शैलेंद्र आदि शामिल रहे।
जहरीले रंगों से नदी के पानी में आक्सीजन की कमी हो रही, जिससे मछलियों के जीवन पर संकट आ रहा है। श्रमदानियों ने मरी मछलियों को बाहर निकाला। समस्या के स्थायी हल के लिए कलेक्टर से पहल करने को कहा जाएगा।
-मनोज पांडे, सचिव, मुक्तिधाम समिति
-मनोज पांडे, सचिव, मुक्तिधाम समिति
बेतवा में मछली मरने की जानकारी ली जाएगी। पानी में आक्सीजन की कमी, दिन में अधिक गर्मी, रात में ठंड जैसे मौसम के रहने से भी ऐसा हो सकता है। केमिकल का भी कुछ असर पड़ सकता है।
-एमके श्रीवास्तव, सहायक संचालक, मत्स्य विभाग
-एमके श्रीवास्तव, सहायक संचालक, मत्स्य विभाग