मंडी में नहीं पुलिस चौकी, व्यापारी व किसान असुरक्षित
अनाज मंडी में पुलिस चौकी नहीं होने से व्यापारी व किसान असुरक्षित महसूस करते हैं
विदिशा
Published: April 18, 2022 11:01:02 pm
विदिशा। अनाज मंडी में पुलिस चौकी नहीं होने से व्यापारी व किसान असुरक्षित महसूस करते हैं। कई वर्षो से यह मांग पुलिस प्रशासन से की जाती रही लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। व्यापारियों के मुताबिक आवक सीजन में हर दिन करोड़ों रुपए का नकद भुगतान होता है। ऐसे में वारदात का डर भी बना रहता है लेकिन मंडी में सुरक्षा की दृष्टि यह व्यवस्था अब तक नहीं की जा सकी है। अब व्यापारी पुन: इस संबंध में ज्ञापन देंगे और इस दिशा में अनदेखी की गई तो व्यापारी आंदोलन के लिए भी बाध्य हो जाएंगे।मालूम हो कि अनाज मंडी में किसानों को उपज का नकद भुगतान करने की व्यवस्था है। व्यापारियों के मुताबिक कई शहरों की मंडियों में कई तरह की वारदातें सामने आती रही है। यहां पुरानी मंडी में भी हर माह अनाज चोरी की कई वारदात होती आई है, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था की अनदेखी हो रही है। मंडी में न केवल व्यापारी बल्कि किसानों की सुरक्षा के लिए पुलिस चौकी जरूरी है। कई बार इस संबंध में पुलिस प्रशासन से अनुरोध किया जाता रहा लेकिन कोेई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
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करीब 10 करोड़ का होता है रोज लेनदेन अनाज तिलहन व्यापार संघ के पदाधिकारियों के मुताबिक मंडी में हर दिन 25 से 30 िक्ंवटल अनाज की आवक होती है। सैकड़ों की संख्या में किसान मंडी आते हैं और करीब 10 करोड़ का नकद लेनेदेन नई एवं पुरानी मंडी में होता है। किसानों का पुरानी मंडी से नई मंडी के बीच आना जाना रहता है। ऐसे में वारदात की आशंका बनी रहती है। अधिक आवक के दौरान कई बार मंडी में विवाद की िस्थति भी बनती है। पूर्व में मंडी झगड़े भी हो चुके। इन िस्थितियों को देखते हुए मंडी में पुलिस व्यवस्था व पुलिस चौकी आवश्यक है और इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
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50 एकड़ जमीन के प्रस्ताव की भी अनदेखी
पदाधिकारियों ने बताया कि नई मंडी के लिए 30 वर्ष पूर्व जमीन की खरीदी हुई थी। उस समय व्यापारियों व आवक की िस्थति कम थी लेकिन अब फसल की पैदावार बढ़ी , टैक्टर टालियों की संख्या कई गुना बढ़ गई, व्यापारियों की संख्या भी बढ़ी है। वहीं धान की अधिक पैदावार के कारण मंडी में खुले परिसर की जरूरत होती हे। इससे भी काफी स्थान नीलाम व तौल में घिर जाता हे ओर मंडी परिसर कम पड़ने लगा है, जबकि नई मंडी परिसर में अभी दुकानें व गोदाम भी बनना है। इनके बनने के बाद परिसर का स्थान और छोटा हो जाएगा। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए मंडी समिति की ओर से 50 एकड़ और जमीन अधिग्रहण करने का प्रस्ताव जिला प्रशासन के माध्यम से शासन को भेजा गया था लेकिन इस पर अब तक विचार नहीं हो सका। इससे भविष्य में मंडी का संचालन में मुश्किलें बढ़ जाएंगी। ----------
- वर्जन
अनाज मंडी में पुलिस चौकी बनाए जाने की मांग काफी समय से की जाती रही है। इस संबंध में शीघ्र ही पुलिस प्रशासन को पुन: आवेदन दिया जाएगा। चौकी स्थापित नहीं होने पर अनाज व्यापारी आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। वहीं 50 एकड़ जमीन के प्रस्ताव पर भी शीघ्रता से कार्रवाई होना चाहिए, नहीं तो मंडी शिफ्ट कर पाना आसान नहीं होगा।
-राधेश्याम माहेश्वरी, अध्यक्ष अनाज तिलहन व्यापार संघ
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मंडी में किसानों की सुरक्षा एवं किसी तरह की वारदात को रोकने के लिए पुलिस चौकी स्थापित होना जरूरी है। अनाज विक्रय के बाद किसानों के पास नकद राशि रहती है। कई बार किसानों को देर शाम एवं रात में भी मंडी परिसर से निकलना होता है। ऐसे में वारदात का डर बना रहता है।
-लाखनसिंह मीणा, किसान नेता ------------------

मंडी में नहीं पुलिस चौकी, व्यापारी व किसान असुरक्षित
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