ग्रामीणों ने बताया कि स्कूल के अभाव में गांव के बच्चों को दूसरे गांव में जाकर पढ़ाई करना पड़ती है। वहीं दूसरे गांव में जाने के कारण कई बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पाती। इसके साथ ही पीने के पानी के लिए तीन किमी दूर जाना पड़ता है। इसलिए गांव में हैंडपंप लगवाया जाए। इस दौरान बड़ी संख्या में गांव के महिला-पुरुष मौजूद रहे।
करारिया लश्करपुर से आए गरीबों ने शासकीय भूमि प्रदाय किए जाने की मांग की। वहीं त्योंदा से आए मंदिरों के पुजारियों ने जनसुनवाई में अधिकारियों को बताया कि उन्हें विगत एक साल से अधिक समय से मानदेय नहीं मिला। जिससे उन्हें आर्थिक परेशानियां उठानी पड़ रही हैं। इस दौरान पंडित सतीष दुबे, पंडित राजेंद्र, जितेंद्र महाराज आदि मोज्ूद रहे। वहीं सिरोंज जनपद शिक्षा केंद्र से आए दो उपयंत्रियों ने कुछ माह के रूके वेतन की गुहार लगाई। लेकिन इस दौरान जिपं सीईओ मयंक अग्रवाल ने स्कूलों के निर्माण कार्य की राशि निकालने के बावजूद वर्षों बाद भी निर्माण नहीं होने के चलते उनसे नोटिस में दी गई राशि जमा करने के लिए कहा। जिस पर उपयंत्री ने कहा कि उन्होंने राशि नहीं निकाली न ही उन्होंने ऑडिट आदि कर निकलवाई। जिस पर सीईओ नाराज हो गए और शाम तक मामले की जांच कराने के लिए कहा और गड़बड़ी पाए जाने पर टर्मीनेट करने की चेतावनी दी। जिसके बाद उपयंत्री माफी मांगते नजर आए। जनसुनवाई में कुल १६७ आवेदन आए इनमें से १११ का मौके पर ही निराकण किया गया। शेष को निराकरण के लिए संबंधित विभागों को भेजे गए।