मौसम के कटवट बदलते ही अस्पताल में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है लेकिन अस्पताल में सभी मरीजों का उपचार करने हेतु न तो पर्र्याप्त मात्रा में दवाएं उपलब्ध हैं, नहीं डॉक्टर और न ही उपकरण। मंगलवार को ओपीडी में हजारों की संख्या में मरीज लाईन में लगे नजर आए। लेकिन डॉक्टरों की संख्या कम होने के चलते वह उपचार के लिए घंटों लाईन में खड़े रहे इसके बाद उन्हे उपचार मिल सका।
लेकिन फिर भी पर्याप्त मात्रा में दवाएं उन्हे नहीं मिल सकीं। सुबह 8 से लेकर दोपहर 1 बजे तक मरीज लाईन में लगे देखे गए। पूर्व में क्षेत्रीय विधायक निशंक जैन तक अस्पताल में हो रहीं अव्यवस्थाओं को लेकर धरना दे चुके हैं लेकिन इसके बावजूद भी व्यवस्थाएं उपलब्ध नहीं हो सकीं हैं। लगभग दो माह पूर्व विधायक ने अस्पताल पहुंचकर दवाइयों का स्टाक चेक कराया था लेकिन स्टाक में दवाएं नहीं थीं और मरीज परेशान थे तब से लेकर अभी तक मरीज दवाओं को लेकर परेशान नजर आ रहे हैं।
एक डॉक्टर मिलता है समय पर
स्थानीय अस्पताल में यदि चिकित्सकों की बात की जाए तो केवल शिशु रोग विशेषज्ञ महेन्द्र बाजोरिया समय पर मरीजों को मिल जाते हैं। दूसरा जो भी डॉक्टर ड्यूटी पर रहता है तो पहले उसे अस्पताल में भर्ती मरीजों को देखना पड़ता है. इसके बाद वह अन्य मरीजों का उपचार करता है और उतनी देर मरीज डॉक्टर के इंतजार में कतार में लगे रहते हैं. अन्य डॉक्टरों की व्यवस्था उस समय नहीं हो पाती है. क्योंकि डॉक्टरों की संख्या कम है और उन्ही डॉक्टरों से इमरजेंसी ड्यूटी भी करानी पड़ती है।
इस संबंध में विधायक निशंक जैन से चर्चा की तो उनका कहना था कि लगातार प्रयास के बाद भी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रहीं हैं जिसका कारण राजनीतिक है। मैं पिछले पांच वर्षो से लगातार प्रयास कर रहा हूं। इस संबंध में जब कलेक्टर से संपर्क किया तो संपर्क नहीं हो सका।