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जिनके मन में गद्दारी उन्हीं ने छोड़ी कांग्रेस, अब भाजपाईयों का हक मारेंगे

locationविदिशाPublished: Jul 03, 2020 10:15:57 pm

Submitted by:

govind saxena

कांग्रेसियों के भाजपा में प्रवेश पर जिले के वरिष्ठ कांग्रेसियों से पत्रिका की विशेष परिचर्चा

Jyotiraditya Scindia and Chief Minister Shivraj Singh Chauhan

Jyotiraditya Scindia and Chief Minister Shivraj Singh Chauhan

विदिशा. प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ ही बदलाव तेज हुआ और अब जिले के भी कुछ कांग्रेसियों ने कांगे्रस को छोड़ भाजपाई दुपट्टा गले में डाल लिया। पूर्व मंत्री, पूर्व जिलाध्यक्ष सहित वरिष्ठ नेताओं ने भी सिंधिया के पीछे चलना ही स्वीकार किया। यकीनन इससे जिले की कांग्रेस को भी काफी नुकसान हुआ है। कांग्रेस छोडऩे का सिलसिला अभी और बढ़ सकता है। ऐसे में नवनियुक्त कांग्रेस जिलाध्यक्ष के सामने बड़ी चुनौती है पार्टी को बचाने की। इसी विषय पर पत्रिका ने कुछ वरिष्ठ कांग्रेसियों से चर्चा की। सभी ने सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को कोसते हुए कहा कि कांग्रेस ने जिन्हें सबकुछ दिया, उसे छोडऩे वाले गद्दार ही हो सकते हैं। ऐसे लोगों के जाने की चिंता कांग्रेस को नहीं, बल्कि भाजपा को करना है, क्येांकि ये लोग अब भाजपाईयों का हक मारेंगे।
भाजपाईयों का हक मारा गया-सिलाकारी
चंद लोगों के चले जाने से कांगे्रस चिंतित नहीं है, चिंता तो भाजपा को करना चाहिए। भाजपा कार्यकर्ताओं का हक मारा गया है और मारा जाएगा। कांगे्रस का नुकसान हुआ है, उसके साथ धोखा हुआ है, लेकिन होता है ऐसा कई बार। डेमेज कंट्रोल कांग्रेस को करने की जरूरत नहीं है। भाजपा और कांग्रेस की विचारधारा बिल्कुल अलग है, समय बताएगा कि कांग्रेस से जाने वाले लोग कितने दिन भाजपा में रह पाते हैं। सिंधिया का जैसा स्वभाव है, उसके अनुसार उन्हें भाजपा में ज्यादा दुविधा होगी।
-कमल सिलाकारी, कांग्रेस जिलाध्यक्ष

सिंधिया ने दोहराई 1857 की मानसिकता-भार्गव
सिंधिया के अपरिपक्व फैसलों से ही कांग्रेस जिले की चार विधानसभा सीटों पर हारी है। उनके द्वारा बनाए गए जिलाध्यक्ष शैलेन्द्र सिंह रघुवंशी के नेतृत्व में हम चार सीटें हारे। लेकिन अब ऐसे लोगों के जाने से कांग्रेस शुद्ध हो गई है। हमें लगता था कि पीढिय़ों का अंतर सब बातों को भूल गया होगा, लेकिन सिंधिया के फैसले ने 1857 की मानसिकता को दोहरा दिया। अब कांग्रेस काफी बदल गई है। गुटबाजी से दूर हुई है। नए और अच्छे परिणाम सामने आएंगेञ
-शशांक भार्गव, विधायक विदिशा

जिनके मन में गद्दारी, उन्हीं ने छोड़ी कांग्रेस-प्रतापभानु
कांग्रेस छोडऩा ज्योतिरादित्य सिंधिया का स्वार्थ और अहंकार का प्रतीक था। उन्होंने भ्रष्ट आचरण से उस सरकार को गिराया जो लोकतांत्रित तरीके से चुनी गई थी। दरअसल कुछ लोगों की व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाएं पूरी न हो पाने से ऐसा हुआ। जिनके मन में गद्दारी, बेईमानी हो वे ही कांग्रेस छोडकऱ जा सकते हैं। कांग्रेस और भाजपा की विचारधारा बिल्कुल अलग है। कोई कैसे बदल सकता है। लेकिन गद्दार लोग ही धोखा दे सकते हैं। जो लोग कांगे्रस छोड़ गए उनके जाने से ही डेमेज कंट0ोल हो गया, डेमेज करने वाले ही गए हैं।
-प्रतापभानु शर्मा, पूर्व सांसद

सिंधिया ने बढ़ाई जिले में गुटबाजी-डॉ मेहताब सिंह
सिंधिया ने ही जिले में गुटबाजी को बढ़ावा दिया था। उनके चरणचुंबन करने वाले व्यक्ति को प्रदेश पदाधिकारी बना दिया, भले ही वह अपने गांव का सरपंच नहीं बन पाया हो। सिंधिया ने अनाधिकृत रूप से एक चि_ी भेजकर शैलेन्द्र रघुवंशी को जिलाध्यक्ष बनवा दिया, जिसके नेतृत्व में कांग्रेस न सिर्फ चार सीटें हारी, बल्कि वोट प्रतिशत भी गिर गया। केवल शशांक भार्गव खुद के बूते पर जीते। जिसका क्षेत्र में जीरो महत्व था उसको सिंधिया ने जिलाध्यक्ष बना दिया।
-डॉ मेहताब ङ्क्षसह, पूर्व जिलाध्यक्ष कांंग्रेस

ये नेता अकेले गए, कौन है उनके साथ-मोहित
कांग्रेस से भाजपा में जाने वाले लोग गिने-चुने हैं और वे भी अकेले ही गए हैं। उनके साथ कांग्रेस से गया ही कौन है। जाने वाले कांग्रेस के लिए नहीं बल्कि सिर्फ सिंधिया के लिए समर्पित थे। ऐसे लोगों की कांग्रेस में जरूरत भी नहीं थी। सच तो यह है कि ङ्क्षसंधिया ने विदिशा में कांग्रेस की कभी सुध ही नहीं ली, चुनाव प्रचार के लिए भी एक दिन तक नहीं आए। अब हम सब एक होकर पूरी पांचों विधानसभाओं में कांग्रेस की मजबूती के लिए काम करेंगे।
-मोहित रघुवंशी, कार्यकारी जिलाध्यक्ष कांग्रेस
जिले के इन कांग्रेसियों ने भी भाजपा का दामन थामा
विदिशा.भोपाल में मंत्रीमंडल विस्तार के दिन ही भाजपा प्रदेश कार्यालय में विदिशा जिला युवा कांग्र्रेस समन्वयक और नटेरन-शमशाबाद क्षेत्र के नेता नरेन्द्र सिंह राजपूत ने भी कांग्रेस को छोड़ भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। राजपूत ने बताया कि उन्होंने सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, सीएम शिवराज सिंह चौहान, ंमंत्री गोविंद सिंह राजपूत, तूुलसी सिलावट के समक्ष भाजपा ज्वाइन की। उनके साथ ब्लाक कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष बनेसिंह राजपूत, मंडी के पूर्व डायरेक्टर थानसिंह लोधी, संजीव राजपूत, सौरभ रघुवंशी, रामबाबू राजपूत, प्रयागसिंह, चंद्रभान सिंह आदि ने भी कांग्रे्रस छोड़ भाजपा की सदस्यता ली।

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