scriptवर्ष में एक बार खुला राधा रानी का दरबार तो दर्शन को उमड़े भक्त | Once opened in the court of Radha Rani, then devotees of philosophy | Patrika News

वर्ष में एक बार खुला राधा रानी का दरबार तो दर्शन को उमड़े भक्त

locationविदिशाPublished: Sep 17, 2018 11:56:57 pm

वर्ष में एक बार खुलने वाला नंदवाना स्थित राधारानी का दरबार जब राधाष्टमी पर सोमवार को खुला,

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Vidisha When the court of Radharani located at Nandvana, once opened every year, opened on Monday in Radhashtami, a crowd of devotees of the town rose to see. At around 1 am on Monday, the doors of the court of Radhran were opened, and one glimpse of them was seen in the eyes of the people. After the opening of the palace, the temple’s first servant, Manmohan Sharma, put Rathi’s artisation and then pressing for those who used to come and celebrate all day long. After the birth of the aarti, bhaj

विदिशा. वर्ष में एक बार खुलने वाला नंदवाना स्थित राधारानी का दरबार जब राधाष्टमी पर सोमवार को खुला, तो दर्शन करने के लिए नगर के श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। सोमवार को करीब १ बजे राधारानी के दरबार के पट खुले तो उनकी एक झलक पानी के लिए लोग आतुर दिखे। पट खुलने के बाद सर्वप्रथम मंदिर के सेवक मनमोहन शर्मा ने राधारानी की आरती उतारी और फिर दिन भर दर्शन करने और प्रसादी ग्रहण करने वालों का तांता लगा रहा। जन्म आरती के बाद दरबार में भजन-कीर्तन होते रहे।
नंदवाना में बरसाने जैसा माहौल था, राधे-राधे के घोष गूंज रहे थे। नजदीक ही दो अन्य मंदिरों में भी राधाष्टमी की धूम थी। शर्मा ने बताया कि वर्ष में यह मंदिर सिर्फ एक बार ही सार्वजनिक दर्शन के लिए खुलता है, बाकी ३६४ दिन राधारानी की गुप्त सेवा होती है। यहां हर त्यौहार, पद, श्रंगार और भोग का निश्चित पैमाना है, जिसमेंं हर कार्य पूरी पवित्रता के साथ होता है। १८ वीं शताब्दी में राधारानी की निधियां बरसाने से मुगलों के आतंक के कारण छिपाकर यहां लाई गईं थीं, तभी से इनकी गुप्त सेवा हो रही है।
विश्वकर्मा जयंती पर नगर में निकाली शोभायात्रा
विदिशा. विश्वकर्मा जयंती के उपलक्ष्य में समाजजनों द्वारा शहर के मुख्य मार्गों से भगवान विश्वकर्मा की शोभायात्रा निकाली गई। वहीं घर-घर में भगवान का पूजन हुआ। चौपड़ा स्थित विश्वकर्मा मंदिर में दिनभर धार्मिक अनुष्ठान हुए।
दोपहर को बंटीनगर चौराहा से शोभायात्रा प्रारंभ हुई। इस दौरान एक रथ पर भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा रखी हुई थी। वहीं एक रथ पर भगवान विश्वकर्मा के स्वरूप विराजित थे। डीजे पर भगवान के भजन बज बज रहे थे।
जिस पर युवा नाचते-गाते हुए चल रहे थे। वहीं अखाड़े के छोटे-बड़े पहलवान करतब दिखाते हुए चल रहे थे। एक रथ पर कलाकार भगवान का स्वरूप रखकर नृत्य करते हुए चल रहे थे। शोभायात्रा का जगह-जगह विभिन्न संगठनों द्वारा स्वागत किया गया। शोभायात्रा चौराहा से शुरु होकर पीतलमिल तिराहा, एफओबी, माधवगंज, निकासा, तिलक चौक होते हुए शहर के मुख्य मार्गों से निकाला गया।
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