विदिशा

कृषक उद्यमी योजना में सिर्फ दो प्रकरण मंजूर

शिविर एवं रोजगार मेला आदि के आयोजन कर उन्हें योजनाओं की जानकारी दी जाती है, लेकिन जिले में इन योजनाओं के परिणाम संतोषजनक नहीं है।

विदिशाSep 22, 2018 / 12:32 pm

वीरेंद्र शिल्पी

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विदिशा. युवाओं को स्वरोजगार से जोडऩे की शासन की अनेक योजनाएं चल रही लेकिन जिले में इन योजनाओं के बुरे हाल है। बैंकों को योजनाओं के लक्ष्य दिए जा रहे लेकिन प्रकरण बहुत कम मंजूर हो रहे। हालत यह कि मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना में आधा वर्ष बीत गया और सिर्फ दो प्रकरण मंजूर हुए हैं। अन्य स्वरोजगार योजनाओं में भी हालत ठीक नहीं है।

ज्ञात हो कि युवाओं को स्वरोजगार से जोडऩे के लिए कई योजनाओं गिनाई जाती है। उन्हें विभिन्न उद्योगों व व्यवसाय से जोडऩे के दावे किए जाते हैं। शिविर एवं रोजगार मेला आदि के आयोजन कर उन्हें योजनाओं की जानकारी दी जाती है, लेकिन जिले में इन योजनाओं के परिणाम संतोषजनक नहीं है। स्वरोजगार की तीन प्रमुख योजनाओं पर ही नजर डालें तो स्वरोजगार के दावे खोखले दिखाईदे रहे हैं। इनमें स्वरोजगार चाहने वालों की कमी नहीं लेकिन बहुत कम संख्या में प्रकरण स्वीकृत हो पा रहे हैं।

छह माह में सिर्फ दो प्रकरण स्वीकृत
मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना के सबसे बुरे हाल सामने आए। इस योजना में लक्ष्य 271 प्रकरणों का था। इसके लिए जिले की विभिन्न बैंक शाखाओं में 57 प्रकरण पे्रषित हुए लेकिन सिर्फ एक बैंक के जरिए मात्र दो प्रकरण ही स्वीकृत होना सामने आया है। इनमें 11 प्रकरण बैंकों से वापस कर दिए गए हैं। जबकि इस योजना में किसानों के बेटों-बेटियों को 50 हजार से 2 करोड़ तक के ऋण दिए जाने का प्रावधान है।

युवा उद्यमी योजना का भी बुरा हाल
इसी तरह मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना में भी युवाओं को स्वरोजगार के लिए मदद करने में उत्साह नहीं दिखाया जा रहा। इस योजना में 39 लोगों को स्वरोजगार से जोडऩे का लक्ष्य तय किया लेकिन विभिन्न बैंकों को कुल 39 प्रकरण ही भेजे गए। इनमें भी सिर्फ 7 प्रकरण ही अभी स्वीकृत हो पाए है। इस योजना में युवाओं को उद्यमी बनाने के लिए 10 लाख एवं इससे अधिक 2 करोड़ रुपए तक का ऋण उपलब्ध कराया जाता है।

स्वरोजगार में 778 प्रकरण लंबित
मुख्यमंत्री स्वरोजगार में लक्ष्य से दोगुने प्रकरण आए लेकिन इन प्रकरणों में 778 प्रकरण बैंकों में लंबित है, जबकि 16 8 प्रकरण बैंक से वापस कर दिए गए। इस येाजना में लक्ष्य 48 0 था जबकि बैंकों में 1 हजार 56 प्रकरण प्रेषित किए। इनमें 26 3 प्रकरण मंजूर हुए हैं। इस योजना में 50 हजार रुपए से 10 लाख रुपए तक ऋण उपलब्ध कराने का प्रावधान है।

आंकड़ों में योजनाओं की स्थिति
योजना लक्ष्य स्वीकृत
कृषक उद्यमी- 271- 002
स्वरोजगार- 480- 263
युवा उद्यमी- 039- 007

युवा होते हैं परेशान
जिले में स्वरोजगार योजनाओं का लाभ लेना हर किसी युवा के लिए आसान नहीं हो रहा। रोजगार मेले के दौरान ऐसे युवा भी आते रहे जिनकी शिकायत रही कि कई बार योजनाओं का लाभ लेने के लिए आवेदन कर चुके लेकिन पर उन्हें बैंकों एवं उद्योग विभाग के चक्कर काटने के अलावा कुछ हासिल नहीं हुआ। वे अपना स्वयं का रोजगार नहीं डाल पाए और उन्हें निजी संस्थानों में नौकरी करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा।


योजना में जहां लक्ष्य के अनुरूप प्रकरण नहीं आते वहां हितग्राहियों को योजना बदलकर आवेदन के लिए प्रेरित किया जाता है पर वे तैयार नहीं होते। ऐसे में उनके प्रकरण लंबित रहते है और उन्हें परेशान होना पड़ता है।

-एआर सोनी, महाप्रबंधक, उद्योग विभाग

 

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