धर्मशालाओं पर अतिक्रमण
उन्होंने कहा कि मक्का में कुछ लोगों ने इन धर्मशालाओं पर अतिक्रमण कर रखा है। कुछ देश के लोग रूपए देकर इनमें ठहरते हैं। प्रदेश से सालभर में करीब साढ़े छह हजार हजयात्री जाते हैं। उन्होंने कहा कि राज्यसभा से भी आदेश पारित होना चाहिए कि हज यात्रियों को उनका संवैधानिक अधिकार मिले।
बेगुनाहों पर अत्याचार गलत
वहीं उन्होंने म्यांमार में मुस्लिमों पर हुए अत्याचार और उन्हें वहां से भगाने के मामले में कहा कि यदि किसी ने गलत किया है, तो उसकी सजा उसे जरूर मिले, लेकिन बेगुनाहों पर अत्याचार करना गलत है। वहीं उन्होंने कहा कि नोबेल पुरस्कार विजेता बचपन बचाओ आंदोलन के प्रणेता है, उन्हें वहां के बच्चों के बचपन को बचाने के लिए आगे आना चाहिए।
सौहाद्र से बनाएं त्योहार
खुर्रम बोले यह लगातार तीसरा साल है जब नवदुर्गा और मोहरर्म एक साथ पड़ रहे हैं। उन्होंने सभी से सौहार्दपूर्ण वातावरण में त्योहार मनाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि त्योहार के माने होते हैं खुशी इसमें शामिल होने से तनाव से मुक्ति मिलती है। इसमें भी घिनौनी राजनीति करना गलत है।
दो अध्यक्षों पर सवाल
जब उनसे पूछा गया कि जिले में कमेटी के दो-दो जिलाध्यक्ष है। पूर्व अध्यक्ष मेहमूद कामिल भी स्वयं को वर्तमान अध्यक्ष बताते हैं और प्रेसनोट जारी करते हैं। इस पर उन्होंने कहा कि पहले कामिल को जिलाध्यक्ष नियुक्त किया था। अब कामिल कि जगह शरीफ खां को जिलाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। फिर भी यदि कामिल स्वयं को आल इंडिया मुस्लिम त्योहार कमेटी का जिलाध्यक्ष बताते हुए प्रेस रिलीज करते हैं या अन्य कार्य करते हैं, तो यह गलत है ऐसे में उनके खिलाफ अनुशंसात्मक कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान मोहरर्म कमेटी अध्यक्ष चौधरी फरहत अली, दानिश कुरैशी, नवेद अहमद, सोहेल अहमद, नवेद अहमद, लईक पठान, शकूर राणा, शादाब अहमद और बिट्टू खान आदि मौजूद रहे।
पूर्व जिलाध्यक्ष बोले राष्ट्रीय संस्था फर्जी
इधर, कामिल ने शाम को प्रेसनोट जारी कर आल इंडिया मुस्लिम त्योहार कमेटी को ही कटघरे में खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि यह कमेटी एक फर्जी संस्था है। जिसकी प्रदेश तो क्या भोपाल में तक इज्जत नहीं है। उन्होंने यहां तक कहा कि २००१ में उन्हें समाज के लोगों द्वारा अध्यक्ष बनाया गया था। उन्हें हटाने का अधिकार कमेटी को नहीं है। उन्होंने कहा कि वे कमेटी के जिलाध्यक्ष थे, हैं और रहेंगे।