scriptबीमारी की चपेट में धान | Paddy vulnerable to disease | Patrika News

बीमारी की चपेट में धान

locationविदिशाPublished: Sep 22, 2015 10:55:00 pm

जिले में धान की फसल पर बीमारी का खतरा
बढ़ गया है। किसानों का कहना है कि कई स्थानों पर फसलों में शीत ब्लाइड बीमारी के
लक्षण दिख रहे

Vidisha photo

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विदिशा। जिले में धान की फसल पर बीमारी का खतरा बढ़ गया है। किसानों का कहना है कि कई स्थानों पर फसलों में शीत ब्लाइड बीमारी के लक्षण दिख रहे। खेतों में फसल पीली पड़ रही है। इसके अलावा फसल पर कीटों व इल्लियों का भी प्रकोप बढ़ा है।


ग्राम गोबरहेला के उन्नत किसान एवं पत्रिका एग्रो क्लब के सदस्य बृजकिशोर राठी ने बताया कि फसल में शीत ब्लाइड बीमारी देखी जा रही है। इस बीमारी में पत्त्तों पर आंख की आकृति के कत्थई रंग के धब्बे लगते हंै और फसल सूख जाती है। इसके अलावा सफेद, हरा और काला फुदका कीट लगने लगा है। ये कीट पौधों की जड़ में लाखों की संख्या में होकर फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। किसानों को स्वयं उचित उपचार करना चाहिए।

जीवाजीपुर के किसान असलम खान ने बताया कि कम बारिश और तेज गर्मी से फसल को नुकसान हो रहा है। किसान निजी बोर से पानी दे रहे हैं लेकिन बिजली पर्याप्त नहीं मिलती। अहमदपुर के किसान मोहरसिंह रघुवंशी ने बताया कि धान की फसल बीमारी की चपेट में आ रही है, लेकिन कृषि अधिकारी खेतों में नहीं पहुंच रहे। बीमारी से बचाव के उपाय नहीं बता पा रहे।

शीत ब्लाइड मृदाजनित रोग है। जो गर्मी एवं यूरिया के उपयोग से बढ़ सकता है। इसे रोकने के लिए खेतों से पानी निकाल दें और यूरिया न छिड़कें। 500 ग्राम कार्बेनडाजिम को एक किलो रेत में मिलाकर प्रति एकड़ के हिसाब से भुरकाव करें।
आनंद बड़ोनिया, आत्मा परि. संचालक
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