गर्मी में हरियाली को तरसे Park,बैठक में पास प्रस्ताव जमीन पर हुए फैल
गर्मी में हरियाली को तरसे पार्क,बैठक में पास प्रस्ताव जमीन पर हुए फैल
विदिशा
Published: April 11, 2022 02:35:06 am
विदिशा। शहर में कई पार्क हरियाली को तरस रहे हैं। इसमें दो पार्कों के प्रस्ताव करीब दो वर्ष पूर्व बैैठक में पास हुए थे, लेकिन इन पाको की बदहाल तस्वीर नहीं बदली जा सकी। यह प्रस्ताव नपा की अनदेखी से जमीनी स्तर पर फैल हो गए। भीषण गर्मी के बीच वषोंं बाद भी यह पार्क व इस क्षेत्र के रहवासी हरियाली को तरस रहे हैं।
एक करोड़ का प्रस्ताव नहीं हुआ पार्क का विकास
शहर में शेरपुरा में कई वषों पूर्व राष्ट्र कवि मैथिलीशरण गुप्त के नाम एक पार्क का निर्माण नगरपालिका द्वारा किया गया था। पार्क की बाउंड्रीवाल भी बनाई गई थी। उस दौरान कुछ पौधे भी यहां लगाए गए थे जिनमें कुछ पौधे वृक्ष का आकार ले चुके, लेकिन वषों से होती आई अनदेखी के कारण बाउंड्रीवाल भी टूट गई और एक बार पौधे लगने के बाद यहां दूसरी बार कभी पौधरोपण नहीं हो सका। हालत यह कि यह पार्क कचरा घर बनता गया। पार्क के पास ही गहोई वैश्य समाज की धर्मशाला है। समाज पदाधिकारियों द्वारा पार्क के संबंध में कई बार नपा को पत्र लिखे। फलस्वरूप अक्टूबर 2019 में इस पार्क की ओर नपा का ध्यान गया और इसे विकसित करने के लिए एक करोड़ रुपए का प्रस्ताव नगरपालिका परिषद ने पास किया। इस प्रस्ताव के तहत पार्क में राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की प्रतिमा लगाया जाना भी शामिल था। गहोईै वैश्य समाज कल्याण समिति केे सचिव अरुण गुप्ता बताते हें कि इस कार्य के लिए भूमिपूजन भी किया गया। नपा के इन प्रयासों से इस क्षेत्र के रहवासियों की उम्मीद बढ़ गई थी, लेकिन दो वर्ष में भी इस पार्क से हरियाली गायब है।
यहां भी उजाड़ है पार्क
शहर में कृष्णा कॉलोनी में भी पार्क के लिए दो स्थान पिछले 40 वर्ष से खाली है। इन दोनों स्थानों पर पार्क का सौदर्यीकरण करने के लिए नपा ने प्रस्ताव पास किए लेकिन अभी भी दोनों पार्क स्थल उजाड़ पड़े हुए हैं। क्षेत्र के रहवासी जोगी दुबे, अक्षय शर्मा आदि का कहना है कि करीब 3 वर्ष पूर्व नपा ने पार्क के विकसित करने का प्रस्ताव पास किया था। यह प्रस्ताव भी फाइलों में सिमटकर रह गया। क्षेत्र के रहवासियों का कहना है कि पार्क के लिए बाउंड्रीवाल तक नहीं बन पाई। अगर बाउंड्रीवाल बन जाए तो वे स्वयं भी इस पार्क को संवार सकते हैं। हालत यह कि इस गर्मी के बीच यह पार्क हरियाली को तरस रहा और यहां के रहवासी वषों से पार्क बनने का सपना संजोए हुए हैं। जबकि बारिश के समय इस पार्क के खाली स्थान पर काफी पानी भरा जाता है जिससे रहवासी परेशान होते हैं। ऐसे ही उजाड़ पार्क अरिहंत विहार कॉलोनी सहित अन्य कॉलोनियों में है पर क्लीन विदिशा ग्रीन विदिशा का नारा देने वाली नपा कई वर्ष बाद भी इन पाको्ं की दशा नहीं सुधार पाई है।
इधर हर दिन 30 हजार लीटर पानी पीता है पार्क
वहीं शहर में अहमदपुर रोड पर नपा ने करीब 20 बीघा में करीब डेढ़ करोड़ की लागत से पार्क का निर्माण कराया। यह पार्क रेल लाइन पार के रहवासियों की जरूरत को महसूस करते बनाया गया। नवंबर 2017में इसका भूमिपूजन किया गया था, इस पार्क को शहर का सबसे खूबसूरत पार्क का रूप दिए जाने की नपा की मंशा थी, तीन वर्ष में यह पार्क तैयार हो सका, लेेकिन यहां पानी की कमी ने नपा की प्लानिंग पर पानी फेर दिया। एक किलोमीटर दूर से पानी लाने के प्रयास भी जब सफल नहीं तो अब पार्क में हर दिन करीब 6 टैंकर पीने का पानी से पार्क की प्यास बुझाई जा रही है। प्रति टैंकर 5 हजार लीटर पानी डालना पड़ रहा। पानी की कमी के कारण यहां कम पानी जंगली पौधों को स्थान पड़ा और अन्य पौधों के साथ यहां करीब 1 हजार जंगली पौधों को स्थान देना पड़ा है।
वर्जन
शहर के सभी पाकों को विकसित किया जाएगा। नपा की वित्तीय िस्थति काफी अधिक खराब होने एवं बजट नहीं होने से यह कार्य नहीं हो पाए हैं। बजट मिलते ही यह कार्य प्राथमिता से किए जाएंगे।
-सुधीरसिंह, सीएमओ
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