छह दिन बाद ग्रामीण अंचलों की सड़कों पर दौड़ेगे यात्री वाहन
पायलेट प्रोजेक्ट के तहत परिवहन विभाग की पूरी तैयारी
विदिशा
Published: April 25, 2022 04:40:52 pm
विदिशा। राज्य परिवहन निगम के बंद होने के 17 वर्ष बाद जिले में ऐसा मौका आ रहा है जब ग्रामीण क्षेत्र के रहवासी सीधे यात्री परिवहन सेवा से जुड़ सकेंगे। जिले के लिए खास बात यह भी कि प्रदेश में विदिशा जिले को इस सेवा केे लिए ग्रामीण परिवहन नीति के तहत पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में चुना है। इसलिए जिला परिवहन विभाग इस सेवा की सफलता के लिए हर स्तर पर प्रयासरत है। परिवहन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार इसकी तैयारियां जारी है और 1 मई से 25 से 30 वाहनों के साथ इस परिवहन सेवा का शुभारंभ कर दिया जाएगा। वहीं अगले माह तक वाहनों की संख्या 50 पर पहुंच जाएगी।
पायलेट प्रोजेक्ट की तैयारियों के संंबंध में जिला परिवहन कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक जिले में विदिशा सहित गुलाबगंज, ग्यारसपुर, शमशाबाद, बासौदा, नटेरन, कुरवाई , सिरोंज, लटेरी आदि स्थानों पर वाहन संचालकों के साथ बैठकें हो चुकी हैं। उन्हें परिवहन सेवा के संबंध में विस्तार से जानकारी दी जा चुकी। संचालकों व ग्रामीणों को इस सेवा से मिलने वाले लाभ से अवगत कराया गया वहीं वाहन संचालकों की शंकाओं का भी समाधान किया गया है। वाहन संचालक इस सेवा कार्य के लिए प्रोत्साहित भी हुए और वे इस कार्य में आगे आ रहे है। परिवहन कार्यालय कर्मचारियों के अनुसार इस प्रोेजेक्ट पर कार्य करने के लिए समय कम मिलने एवं इस माह अवकाश भी अधिक रहने से कुछ समस्या आई है फिर भी 25 से 30 वाहनों के साथ इस सेवा की शुरूआत 1 मई से शुरू कर दी जाएगी।
परिवहन सेवा में महिला स्वसहायता समूह भी आया आगे
इस परिवहन सेवा में आवेदन आने लगे हैं। सिरोंज क्षेत्र का महिला स्वसहायता समूह का भी आवेदन आया है जिसे सबसे पहले रूट का परमिट दिया जाएगा। सिरोंज क्षेत्र में 10 से 42 किमी के रूट रहेंगे। आवेदक खुद भी तय कर सकेंगे कि वह कितने किलोमीटर वाहन चलाना चाहते है। इसी तरह अन्य तहसीलों में ग्रामीण सड़कों से जुड़े गांव के अलग-अलग रूट तैयार किए गए हैं। इन रूटों की जानकारी बैठकों में दी जा चुकी। इन रुटों का चयन आवेदक कर सकेंगे ओर आवेदकों को पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर रूटों के परमिट दिए जाएंगे।
परिवहन सेवा से यह होगा लाभ
-पहले छोटे यात्री वाहनों को परमिट नहीं मिलता था यह स्कूल तक ही सीमित रह गए थे लेकिन अब इन्हें परमिट मिल सकेंगे।
-ग्रामीण सड़कों पर परिवहन की सुविधा बढ़ेगी तो वाहन संचालकों के सा थ ही इन सड़कों पर छोटे-छोटे व्यवसाय भी बढ़ेगे।
-ग्रामीण क्षेत्र की जनता जो अभी तक यात्री परिवहन में दूसरे निजी वाहनों पर आश्रित रहती थी उन्हें सस्ती यात्री सेवा उपलब्ध हो सकेगी। यात्री 1 रपए 50 पैसे प्रति किलोमीटर की दर से यात्रा कर सकेंगे।
वाहन संचालकों को मिलेगी प्रोत्साहन रा शि
ग्रामीण परिवहन सेवा के रूप में निरंतर 6 माह तक संचालित वाहनों के संचालकों को उक्त संचालन से अर्जित किए गए रुरल ट्रांसपोर्ट क्रेडिट (आरटीसी) के विरुद्ध निर्धारित मूल्यानुसार प्रोत्साहन रा शि आगामी छह माही में वाहन संचालक को प्रदाय करने का प्रावधान है। उदाहरण के तौर पर बताया गया है कि एक बस ऑपरेटर अगर सात सीटर वाहन एक दिन में सात 100 किमी चलता है तो वह 700 यात्री किमी प्रतिदिन एवं 21000 यात्री किमी प्रति माह सेवा प्रदान करना माना जाएगा। इस 21000 की संख्या को आरटीसी अंक अर्जित करना माना जाएगा और प्रति अंक के मूल्य को 15 पैसा मानकर राज्य सरकार वाहन स्वामी को 3150 रुपए प्रोत्साहन रा शि देगी। इसी तरह 12 सीटर यात्री वाहन के एक दिन में 100 किमी वलले 5400 रुपए प्रतिमाह 20 सीटर वाहन के 100 किमी चलने पर 9 हजार रुपए प्रतिमाह प्रोत्साहन रा शि वाहन मालिक को मिलेगी।
यह है तैयारी
जिले में चि न्हित ग्रामीण मार्ग-76
इन मार्गों की कुल लंबाई-1513 किमी
गांव जो लाभा न्वित हो सकेंगे-546
जनसंख्या जिसे मिल सकेगा लाभ-470523
यह आ सकती भविष्य में समस्या
-डीजल मंहगा होने से लाभ हो सकता है प्रभावित
-वाहन के परमिट, फिटनेस में अ धिक खर्च नहीं लेकिन बीमा में खर्च करने होंगे 25 हजार रुपए
-बारिश के माहों में ग्रामीण सड़कों पर आ सकती परेशानी
वर्जन
ग्रामीण परिवहन नीति पायलेट प्रोजेक्ट को लेकर हमारी पूरी तैयारी है। इसके लिए ग्रामीण मार्ग चि न्हित किए जा चुके है। सभी तहसीलों मे वाहन संचालकों के साथ बैठकें हो चुकी। वाहन चालक उत्साहित है । तैयारियों में समय कम मिल पाया। फिर भी 25 से 30 वाहनों के साथ इसकी शुरूआत होगी और आगामी माह में वाहनों की यह संख्या दोगुनी हो जाएगी।
-गिरिजेश वर्मा, जिला परिवहन

छह दिन बाद ग्रामीण अंचलों की सड़कों पर दौड़ेगे यात्री वाहन
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