इसी पितृ पर्व के चलते सुबह से बेतवा के विभिन्न घाटों पर भारी भीड़ थी। हालांकि एक दिन पूर्व ही गणेश विसर्जन के कारण घाटों पर काफी मिट्टी जमा हो गई थी, जिससे फिसलन हो रही थी, नगरपालिका ने इसे साफ नहीं कराया था, इससे तर्पण करने वालों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा, लेकिन परंपरा के निर्वहन में ये परेशानी बाधक नहीं बन सकी। तर्पण के साथ साथ बेतवा उत्थान समिति और नियमित श्रमदानी बेतवा तटों की मिट्टी साफ करने में पूरी शिद्दत से जुटे थे। तर्पण का यह सिलसिला पहले दिन दोपहर 12 बजे के बाद तक चलता रहा।