एसपी ने बताया कि चुनाव को ध्यान में रखते हुए अवैध हथियारों व शराब के अवैध परिवहन सहित क्रय-विक्रय पर नजर रखने के लिए टीम को निर्देशित किया था। क्राइम ब्रांच प्रभारी को सूचना मिली कि कट्टे, पिस्टल, तलवारों और कारतूसों की बड़ी खेप यहां आ रही है। देवास और उज्जैन के इनामी बदमाश सुरेन्द्र उर्फ संतोष राजपूत और बब्लू उर्फ भारत सिंह राजपूत अवैध हथियार लेकर सागर-भोपाल रोड से एक बाइक से ग्यारसपुर की ओर आ रहे हैं। आरोपियों की धरपकड़ के लिए इंस्पेक्टर बीरा और परिवीक्षाधीन डीएसपी जितेन्द्र जाट के साथ नाकाबंदी की गई और बाइक को रोक लिया गया। बाइक पर दो युवक सवार थे, इनमें से एक देवास निवासी सुरेन्द्र उर्फसंतोष राजपूत और दूसरा उज्जैन निवासी बबलू उर्फ भारत सिंह राजपूत था।इनकी तलाशी लेने पर इनके पास एक बोरी में 8 तलवारें, कमर में घुसे तथा बैग में रखे 9 अवैध कट्टे मिले।इनमें देशी पिस्टल, 315 बोर के देशी कट्टे, 12 बोर के देशी कट्टे तथ 315 बोर के जिन्दा 30 कारतूस, 12 बोर के 17 कारतूस, पिस्टल के 3 कारतूस सहित 50 कारतूस मिले।
आरोपियोंं से पूछताछ करने पर अवैध हथियारों की खरीदी-बिक्री की बात सामने आई और जिला देवास के कमलापुर ग्राम निवासी काला शाह उर्फ गुलगुफरान शाह को गिरफ्तार कर एक देशी पिस्टल जप्त की।पूछताछ के दौरान ही यह पता चला कि हथियारों की एक और खेप विदिशा की ओर आ रही है। इस पर सुरेन्द्र और बब्लू से ही फोन कराकर इस खेप को ला रहे जावर सीहोर निवासी आशिक खां, करीम खां और माकरौन उज्जैन निवासी शंकर लोहार को ग्यारसपुर बसस्टेंड पर बुलवाया। यहां पुलिस ने इन तीनों को भी गिरफ्तार कर उनसे 5 देशी कट्टे और 5 जिन्दा कारतूस बरामद किए।
कुख्यात बदमाश हैं आरोपी
एसपी विनायक वर्मा ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों में से सुरेन्द्र उर्फ संतोष राजपूत व बब्लू उर्फ भारतङ्क्षसह राजपूत सहित शंकर लोहार कुख्यात बदमाश हैं। इनके खिलाफ जावर थाने सीहोर में लूट के प्रकरण दर्ज हैं, वे फरार चल रहे हैं। इनके खिलाफ 5 हजार रुपए का इनाम घोषित है। बब्लू के खिलाफ थाना हाट पिपल्या में बलात्कार और हत्या के प्रयास के प्रकरण चल रहे हैं। आरोपी बब्लू व सुरेन्द्र द्वारा थाना आलोट जिला रतलाम में एक साल पहले एक फाइनेंस कंपनी वाले को लूटना स्वीकार किया है।आरोपी कुख्यात बदमाश हंै, जो लूट और सुपारी लेकर गोली चलाकर वारदात को अंजाम देते हैं। इनसे अन्य वारदातों के बारे में भी पूछताछ की जा रही है।
एसपी विनायक वर्मा ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों में से सुरेन्द्र उर्फ संतोष राजपूत व बब्लू उर्फ भारतङ्क्षसह राजपूत सहित शंकर लोहार कुख्यात बदमाश हैं। इनके खिलाफ जावर थाने सीहोर में लूट के प्रकरण दर्ज हैं, वे फरार चल रहे हैं। इनके खिलाफ 5 हजार रुपए का इनाम घोषित है। बब्लू के खिलाफ थाना हाट पिपल्या में बलात्कार और हत्या के प्रयास के प्रकरण चल रहे हैं। आरोपी बब्लू व सुरेन्द्र द्वारा थाना आलोट जिला रतलाम में एक साल पहले एक फाइनेंस कंपनी वाले को लूटना स्वीकार किया है।आरोपी कुख्यात बदमाश हंै, जो लूट और सुपारी लेकर गोली चलाकर वारदात को अंजाम देते हैं। इनसे अन्य वारदातों के बारे में भी पूछताछ की जा रही है।
30 हजार रुपए के इनाम का प्रस्ताव
हथियारों की इस खेप सहित 6 बदमाशों को गिरफ्तार करने वाले क्राइम ब्रांच प्रभारी बीडी वीरा, डीएसपी जितेन्द्र जाट सहित टीम में शामिल पवन जैन, कुलदीप चतुर्वेदी, राजेश रघुवंशी, राकेश सेन, भगवानदास, भानू पाठक, ह्देश सक्सेना, महेश तिवारी, शिवा राजपूत, लखन लोधी की एसपी ने सराहना की है। एसपी ने टीम को 30 हजार रुपए का पुरस्कार दिए जाने का प्रस्ताव आईजी को भेजा है।
हथियारों की इस खेप सहित 6 बदमाशों को गिरफ्तार करने वाले क्राइम ब्रांच प्रभारी बीडी वीरा, डीएसपी जितेन्द्र जाट सहित टीम में शामिल पवन जैन, कुलदीप चतुर्वेदी, राजेश रघुवंशी, राकेश सेन, भगवानदास, भानू पाठक, ह्देश सक्सेना, महेश तिवारी, शिवा राजपूत, लखन लोधी की एसपी ने सराहना की है। एसपी ने टीम को 30 हजार रुपए का पुरस्कार दिए जाने का प्रस्ताव आईजी को भेजा है।
खरगौन के हथियारों की आशंका
एसपी ने बताया कि हथियार काफी अच्छी क्वालिटी के हैं और उम्मीद की जा रही है कि ये खरगौन जिले में कहीं बने हैं। ये हथियार बड़ी संख्या में दहशत फैलाने का काम करते। अब हम आरोपियों का पुलिस रिमांड लेकर उनसे और बातें पता करने का प्रयास करेंगे। उम्मीद है कि अभी 30-40 हथियार और मिल सकते हैं। विदिशा में काफी खरीददार होंगे ऐसी भी उम्मीद है। हमारे सामने यह पता लगाना चुनौती है कि विदिशा में इन हथियारों के खरीदार कौन होते अथवा कौन हैं? ये हथियार कहां बनते हैं और कारतूस कहां से आए? अगर हम हथियारों के बनने के स्थान तक पहुंच पाए तो बड़ी सफलता होगी।
एसपी ने बताया कि हथियार काफी अच्छी क्वालिटी के हैं और उम्मीद की जा रही है कि ये खरगौन जिले में कहीं बने हैं। ये हथियार बड़ी संख्या में दहशत फैलाने का काम करते। अब हम आरोपियों का पुलिस रिमांड लेकर उनसे और बातें पता करने का प्रयास करेंगे। उम्मीद है कि अभी 30-40 हथियार और मिल सकते हैं। विदिशा में काफी खरीददार होंगे ऐसी भी उम्मीद है। हमारे सामने यह पता लगाना चुनौती है कि विदिशा में इन हथियारों के खरीदार कौन होते अथवा कौन हैं? ये हथियार कहां बनते हैं और कारतूस कहां से आए? अगर हम हथियारों के बनने के स्थान तक पहुंच पाए तो बड़ी सफलता होगी।